क्या है पीएम मोदी का गरीब कल्याण रोजगार अभियान, कैसे मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री ने आज बिहार के खगड़िया जिले में गरीब कल्याण रोजगार अभियान की ऑनलाइन शुरूआत की. योजना के तहत अलग-अलग राज्यों से काम छोड़कर आये प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार देने का प्रावधान किया गया है. मजदूरों को गांव में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विकास योजनाओं में काम दिया जायेगा साथ ही उन्हें उनके रुचि और हुनर के हिसाब से भी काम मिलेगा. जिससे उनके टैंलेट का इस्तेमाल गांव में आधारभूत संरचाओं के निर्माण के लिए किया जा सके. मजदूरों को रोजगार भी मिल सके. 50 हजार करोड़ की इस योजना के उन छह राज्यों में कार्य किया जायेगा जहां सबसे अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं.
प्रधानमंत्री ने आज बिहार के खगड़िया जिले में गरीब कल्याण रोजगार अभियान की ऑनलाइन शुरूआत की. योजना के तहत अलग-अलग राज्यों से काम छोड़कर आये प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार देने का प्रावधान किया गया है. मजदूरों को गांव में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विकास योजनाओं में काम दिया जायेगा साथ ही उन्हें उनके रुचि और हुनर के हिसाब से भी काम मिलेगा. जिससे उनके टैंलेट का इस्तेमाल गांव में आधारभूत संरचाओं के निर्माण के लिए किया जा सके. मजदूरों को रोजगार भी मिल सके. 50 हजार करोड़ की इस योजना के उन छह राज्यों में कार्य किया जायेगा जहां सबसे अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान छह राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिसा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 16 जिलों में चलाया जायेगा. इसके तहत प्रवासी कामगार जो दूसरे राज्यों से काम छोड़कर अपने घर आ गये हैं, उन्हें गांव में ही रोजगार के लिए के अवसर प्रदान किया जायेगा. ताकि घर में आकर भी वो बेरोजगार नहीं रहें. गांव घर में उन्हें काम मिलता रहे. अभियान के तहत 125 दिनों का कार्यदिवस रखा गया है. प्रति मजदूर को इसके तहत 125 दिन कार्य लिया जायेगा. इस अभियान के तहत अधिकांश काम ऐसे होगे जिससेे गांव में सार्वजनिक परिसंपत्ति का निर्माण किया होगा. इससे गांव की आधारभूत संरचना मजबूत होगी. गांव सुदृढ़ होंगे.
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इस अभियान में मजदूरों को सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें उनकी रुचि और कौशल के हिसाब से काम दिया जायेगा. अपने हुनर के दम पर मजदूर रोजगार भी हासिल कर पायेंगे और उन्हें स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे. उदाहरण के लिए अगर कोई मजदूर लकड़ी का बेहतर कार्य जानता है और करता है तो उसे उससे जुड़े कार्य दिये जायेंगे. कृषि में रुचि रखने वाले मजदूरों को कृषि कार्य से जोड़ा जायेगा.गांव में ही मजदूरों को रोजगार मिले इसके लिए सड़क, ग्रामीण आवास, बागवानी, पौधा रोपण, जल संरक्षण एवं सिंचाई, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन व जल जीवन मिशन जैसे 25 कार्य उपलब्ध होंगे.
इस अभियान का एक और लाभ यह होगा कि रोजगार कि तुरंत आवश्यकता वाले कामगारों को विभिन्न कार्यक्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसका फायदा यह होगा की मजदूरों की छोटी-मोटी आर्थिक समस्या का समाधान इससे हो जायेगा. इसके साथ ही प्रवासी मजदूर अपने ही गांव में कार्य करें इसके लिए गांव में जीविकोपार्जन की अन्य गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा. रोजगार से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए मजदूर अपने पंचायत या प्रखंड कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
Posted By: Pawan Singh