नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को नए मंत्रिमंडल की पहली बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पीएम मोदी के नए भरोसेमंद मंत्रियों ने कई बड़े-बड़े फैसले किए हैं. इन्हीं फैसलों में कृषि अवसंरचना फंड (एआईएफ) को आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बढ़ा कर करीब 1 लाख करोड़ रुपये तक किया गया है, जिसका इस्तेमाल कृषि उत्पाद विपणन समितियां (एपीएमसी) कर सकेंगी.
इसके साथ ही, नए मंत्रिमंडल की ओर से 40 साल पुराने नारियल बोर्ड एक्ट को बदलने का निर्णय किया गया है. इसके लिए कानून में संशोधन करने की बात कही गई है. देश में महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर देश के मंडियों को मजबूत करने का भी फैसला इस पहली बैठक में किया गया है.
नवगठित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है, जिसका इस्तेमाल एपीएमसी कर सकेंगी. उन्होंने कहा कि बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी, बल्कि उन्हें पहले कहीं अधिक मजबूत किया जाएगा. मंडियों को अधिक से अधिक संसाधन मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा.
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हमारे देश के एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है. इसका उत्पादन बढ़ाने और किसानों की सहूलियत के लिए 1981 में बनाए गए नारियल बोर्ड कानून को बदलने का काम किया जाएगा. इसके लिए सरकार इसमें संशोधन करेगी. उन्होंने कहा कि बोर्ड का अध्यक्ष गैर-शासकीय व्यक्ति होगा.
केंद्र की मोदी सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना काल के दौरान कृषि अवसंरचना फंड (एआईएफ) की स्थापना का ऐलान किया गया था. सरकार की ओर से इसे आगामी 10 साल के लिए शुरू किया गया है. इस योजना के माध्यम से किसान फसल की कटाई के बाद उसकी सही कीमत मिलने तक उसे सुरक्षित रख सकेंगे. सरकार का प्रयास यह है कि किसानों की उपज को किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिए कृषि अवसंरचना के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत देश के बैंक और वित्तीय संस्थान 1 लाख करोड़ तक का कर्ज मुहैया कराएंगे. एआईएफ स्कीम के अंतर्गत किसानों को सालाना 3 फीसदी की दर पर ब्याज मिलेगा. क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत 3 करोड़ रुपये के कर्ज पर क्रेडिट गारंटी कवरेज की सुविधा भी दी जाएगी.
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फसलों की कटाई के बाद अनाज के प्रबंधन के लिए अवसंरचनात्मक विकास करना.
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उपज बढ़ाने के लिए सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए धन उपलब्ध कराना.
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किसानों द्वारा लिये गए कर्ज पर सब्सिडी और बैंक गारंटी के जरिए किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमों को निवेश बढ़ाने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
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इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आधारिक तंत्र को मज़बूत करना है, जिससे देश के बड़े बाज़ारों तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जा सके और साथ ही नवीन तकनीकों के माध्यम से फाइटोसैनेटिक मानडंडों को पूरा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक भारतीय किसानों की पहुंच बढ़ाई जा सके.