क्या है ‘मंगोलियन कुंजूर’ जिसका जिक्र विदेश मंत्री ने इस वर्चुअल मीटिंग में किया
भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों के 65 साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त रूप से स्मारक डाक टिकट जारी किया गया. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस स्मारक डाक टिकट को संयुक्त रूप से जारी करने से काफी खुशी हो रही है.
नयी दिल्ली: भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों के 65 साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त रूप से स्मारक डाक टिकट जारी किया गया. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस स्मारक डाक टिकट को संयुक्त रूप से जारी करने से काफी खुशी हो रही है.
मीटिंग में इन बातों पर होगी चर्चा
इस बैठक में ज्वाइंट मंगोलियन चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी एल क्यून एर्डन ने सह अध्यक्षता की. इस मौके दोनों देशों के बीच हमारी रिफाइनरी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की. स्टील, आईसीटी, सौर उर्जा, शिक्षा और रक्षा में सहयोग पर भी चर्चा की गई. इस मौके पर भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि हमने साल 2015 सहयोग के लिए जो दृष्टिकोण निर्धारित किया गया था उसे हासिल करने में कामयाब होंगे.
Honoured to virtually hand over 25 volumes of Mongolian Kanjur – Buddhist canonical text. Thank Prof Lokesh Chandra & team for their contribution. Have also offered to strengthen our collaboration with Gandan and Pethub monasteries of Mongolia: EAM S Jaishankar https://t.co/3DH20lNgBz pic.twitter.com/fryKYbDJJm
— ANI (@ANI) December 3, 2020
पेतुब मठों के साथ रिश्ता मजबूत करने पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान मंगोलियाई कंजूर के लगभग 25 खंडों को वर्चुअली हैंडर ओवर करते हुए काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं. एस जयशंकर ने कहा कि मैं प्रो लोकेश चंद्र और उनकी टीम को इस योगदान के लिए धन्यवाद देता हूं.
विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि मंगोलिया गंदान और पेतुब मठों के साथ हमारे सहयोग को और भी ज्यादा मजबूत किया जाए.
Posted By- Suraj Thakur