क्या है केरल का नया विवादास्पद पुलिस कानून ? जिसे विपक्ष ने बताया प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला
What is the new Kerala Police Act, social media, objectionable post राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध साइबर हमलों को रोकने के लिए राज्य की माकपा नीत सरकार द्वारा लाये गये केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. लेकिन नये कानून को लेकर विपक्ष हमलावर है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया है.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध साइबर हमलों को रोकने के लिए राज्य की माकपा नीत सरकार द्वारा लाये गये केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश (What is the new Kerala Police Act)को मंजूरी दे दी है. लेकिन नये कानून को लेकर विपक्ष हमलावर है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of expression) बताया है.
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह संशोधन पुलिस को और शक्ति देगा एवं प्रेस की आजादी में कटौती करेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यह कहते हुए इस आरोप का खंडन किया कि यह निर्णय व्यक्तियों की छवि बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग जैसे कारकों के आधार पर लिया गया है.
भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री पिनराई ने साफ किया कि केरल पुलिस अधिनियम में नया संशोधन किसी भी तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या निष्पक्ष मीडिया गतिविधि के खिलाफ उपयोग नहीं किया जाएगा. कोई भी संविधान और कानूनी व्यवस्था की सीमा के भीतर किसी भी तरह की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र है.
The new amendment to the Kerala Police Act will not in any way be used against free speech or impartial media activity. Anyone is free to make any strong criticism within the limits of the Constitution and the legal system: Kerala CM Pinarayi Vijayan
(file pic) pic.twitter.com/r3y7owhned— ANI (@ANI) November 22, 2020
उन्होंने कहा, मीडिया की स्वतंत्रता के अलावा, सरकार की जिम्मेदारी है कि वह संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा करे.
नये कानून के तहत 5 साल और 10 हजार जुर्माने का है प्रवाधान
पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल ने धारा 118 ए को शामिल करने की सिफारिश करके पुलिस अधिनियम को और सशक्त बनाने का फैसला किया था. इस संशोधन के अनुसार, जो कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से किसी पर धौंस दिखाने, अपमानित करने या बदनाम करने के इरादे से कोई सामग्री डालता है अथवा प्रकाशित/प्रसारित करता है उसे पांच साल तक कैद या 10000 रुपये तक के जुर्माने या फिर दोनों सजा हो सकती है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra