4800 करोड़ से बदलेगी भारत के गांवों की तस्वीर, जानें क्या है Vibrant Villages Programme
Vibrant Villages Programme केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, देश के सामरिक महत्व के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों के विकास की केंद्र पोषित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है. जिस पर 4800 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर के गांव की तस्वीर बदलने के लिए बड़ी योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. जिसे वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (Vibrant Villages Programme) का नाम दिया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसके बारे में जानकारी दी.
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में खर्च होंगे 4800 करोड़ रुपये
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, देश के सामरिक महत्व के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों के विकास की केंद्र पोषित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है. जिस पर 4800 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
गांव में सड़कों के निर्माण पर खर्च होंगे 2500 करोड़ रुपये
अनुराग ठाकुर ने बताया, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जायेगा. इसके लिये 4800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें 2500 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किया जायेगा.
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Cabinet approves strengthening the cooperative movement in the country and deepening its reach up to the grassroots. Target to establish 2 lakh multipurpose PACS/ Dairy/ Fishery Cooperatives in the next 5 years: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/j46IGcX7Gf
— ANI (@ANI) February 15, 2023
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से रुकेगा गांव में पलायन
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह देश की उत्तरी सीमा के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है. इससे इन सीमावर्ती गांवों में सुनिश्चित आजीविका मुहैया करायी जा सकेगी जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी. सरकारी बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम से चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश में आजीविका के अवसर और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी. इससे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्वित हो सकेगा. इस कार्यक्रम से यहां रहने वाले लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण अवसर प्राप्त हो सकेंगे.