White Paper: क्या होता है श्वेत पत्र, मोदी सरकार ने लोकसभा में किया पेश, UPA सरकार के खुलेंगे राज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 2014 में कोयला घोटाले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था. 2014 से पहले कोयला ब्लॉकों का आवंटन ब्लॉक आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने आधार पर किया गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ लोकसभा में पेश किया. जिसमें कहा गया है कि 2014 में अर्थव्यवस्था संकट में थी, तब श्वेतपत्र प्रस्तुत किया जाता तो नकारात्मक स्थिति बन सकती थी और निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा जाता.
बड़े आर्थिक फायदों के लिए कड़े फैसले लिए
श्वेत पत्र में कहा गया कि राजनीतिक और नीतिगत स्थिरता से लैस NDA सरकार ने पूर्ववर्ती UPA सरकार के विपरीत बड़े आर्थिक फायदों के लिए कड़े फैसले लिए. सरकार ने अपने श्वेत पत्र में कहा, त्वरित समाधान करने के बजाय, NDA सरकार ने साहसिक सुधार किए. लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण श्वेत पत्र पेश करते हुए कहा, यूपीए सरकार में रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण निर्णय लेना रुक गया, जिससे रक्षा तैयारियों से समझौता हो गया. सरकार ने तोपखाने और विमान भेदी तोपों, लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, नाइट फाइटिंग गियर और कई उपकरण के अपग्रेड में देरी की.
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman to lay on the Table a copy of the 'White Paper on the Indian Economy' today, in Lok Sabha today.
(File photo) pic.twitter.com/cFqacNJEvw
— ANI (@ANI) February 8, 2024
कोयला घोटाले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 2014 में कोयला घोटाले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था. 2014 से पहले कोयला ब्लॉकों का आवंटन ब्लॉक आवंटन की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने आधार पर किया गया था. कोयला क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता से बाहर रखा गया था और इस क्षेत्र में निवेश और दक्षता का अभाव था. इन कार्रवाइयों की जांच एजेंसियों द्वारा जांच की गई, और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से आवंटित 204 कोयला खदानों/ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया.
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क्या होता है श्वेत पत्र?
श्वेत पत्र एक सरकारी दस्तावेज होता है. जिसे सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को उजागर करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है. यह डॉक्यूमेंट व्हाइट कवर में होने की वजह से इसे श्वेत पत्र कहा जाता है. कई बार सत्ताधारी दल पिछली सरकारों की नीतियों का कच्चा चिट्ठा खोलने के लिए और इसका इस्तेमाल करती है.