Zeeka Virus News : कर्नाटक में जीका वायरस मिला है. रंगनाथ के और मिनी पी थॉमस की रिपोर्ट के अनुसार, चिक्काबल्लापुर जिले से एकत्र किए गए मच्छर के नमूने में जीका वायरस पाया गया है. इसके बाद कर्नाटक हाई अलर्ट पर है. बताया जा रहा है कि नमूना 25 सितंबर को सिद्लाघट्टा तालुक के तलकायालाबेट्टा गांव से एकत्र किया गया था. कर्नाटक के चिकबलपुरा जिले में मच्छरों में जीका वायरस मिलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक परामर्श जारी किया है जिसमें लोगों से बेवजह नहीं घबराने और बुखार होने पर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाने की बात कही गई है.
जीका वायरस के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं
चिकबलपुरा में छह जलाशयों से लिए गए नमूनों की जांच के बाद एडीज एजिप्टी मच्छरों में वायरस होने की पुष्टि हुई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा के आयुक्त रणदीप डी ने परामर्श जारी किया है जिसके अनुसार, जीका वायरस बीमारी के लक्षणों में लाल आंखों के साथ बुखार, सिरदर्द, दानें, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. यह दो से सात दिनों तक परेशान करता है. फिलहाल राज्य में जीका वायरस से कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया है. परामर्श पर गौर करें तो, यदि किसी व्यक्ति को बुखार के साथ उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाना चाहिए. ऐसा इसलिए चूंकि जीका वायरस के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है इसलिए मरीज का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है.
परामर्श में लोगों को जानकारी दी गई है कि संदिग्ध और संक्रमित मामलों में व्यक्ति को अलग रहने की जरूरत है. साथ ही आराम करने की जरूरत है. इसके साथ ही संक्रमित को बहुत ज्यादा पानी या तरल पदार्थ पीने की जरूरत है और उसे मच्छरदानी में सोना चाहिए. गर्भवती महिलाओं विशेषतौर पर निषिद्ध क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जीका वायरस के लिए अपने सीरम और मूत्र नमूनों की जांच करवानी चाहिए.
कर्नाटक पहुंचा जीका वायरस
कर्नाटक में जीका वायरस पाया गया है. चूंकि चिक्कबल्लापुर से हजारों लोग रोजाना बेंगलुरु और अन्य स्थानों की यात्रा करते हैं, इसलिए उन्हें कुछ एहतियाती उपायों का पालन करने की सलाह दी गई है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डिब्बुराहल्ली के एक 30 वर्षीय व्यक्ति, तलकायालाबेट्टा की एक 38 वर्षीय महिला और बचनहल्ली की एक 50 वर्षीय महिला को बुखार है. पुष्टि के लिए उनके रक्त के नमूने पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में भेजे गए हैं.
भारत में जीका वायरस का पहला मामला (Zika virus India) कब आया
जीका वायरस की बात करें तो ये पहली बार अफ्रीकी देश युगांडा के जंगल में अप्रैल 1947 में बंदरों की रीसस मकाक प्रजाति में पाया गया था. साल 1952 में इसको जीका की संज्ञा दी गई, ऐसा इसलिए क्योंकि वायरल जीका फारेस्ट में पाया गया था. भारत के गुजरात राज्य में साल 2017 में तीन और 2018 में एक मामला सामने आया था. तमिलनाडु में 2017 में एक मरीज में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर में सितंबर 2018 को जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद यह वायरस देश के अन्य राज्यों में देखने को मिला.
जीका वायरस के लक्षण (Zika virus symptoms) के बारे में जानें
-सिरदर्द होना
-मांसपेशियों में दर्द होना
-शरीर में रैशेज पड़ना
-बुखार
-जोड़ों में दर्ज की शिकायत
जीका वायरस से बचाव का तरीका जानें
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए.
-घर के आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए.
-असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए.
-टायलेट सीट ढक कर रखना चाहिए.
-पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने चाहिए.
-किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आना चाहिए.
-संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत हाथों को साबुन से धोएं और अपने कपड़ों को भी बदल लें या धोएं