पिछले दिनों देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसका परिणाम आने के बाद सब चौंक गये. दरअसल, तीन राज्यों में सरकार बनाने में बीजेपी सफल रही. इसके बाद इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के चुनाव में बीजेपी ने सबको चौंका दिया. तीनों राज्यों की कमान बीजेपी ने नये चेहरों को सौंपी जिसका अंदाजा कोई नहीं लगा रहा था. बीजेपी के द्वारा उठाए गये इस बड़े कदम के बाद पुराने नेताओं- वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि इस संबंध में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुलकर बात की है. उन्होंने बताया कि नये चेहरों के साथ इन राज्यों में बीजेपी क्यों आगे बढ़ी ? और पार्टी के पुराने चेहरों का क्या होगा ? एक प्रइवेट चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे जेपी नड्डा ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है जिसको अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने प्रमुखता से प्रकाशित की है.
कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सभी तीन पूर्व सीएम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं जिसके बारे में बीजेपी कुछ अच्छा करेगी. इन नेताओं को पार्टी में उनके स्थान के अनुरूप भविष्य की भूमिकाएं दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि पार्टी में हर किसी को उसका हक दिया गया है. हमारी पार्टी एक छोटे से कार्यकर्ता को भी जिम्मेदारी भरे पद पर बैठाती है. बीजेपी के कार्यकर्ता ही पार्टी की ताकत है. जब नड्डा से सवाल किया गया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों में से किसी ने असंतोष व्यक्त किया तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कमांडिंग भाषा का इस्तेमाल करके बैठ जाओ जैसी भाषा का उपयोग करना उचित नहीं होता. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपने पार्टी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है. क्योंकि हम एक नई दिशा की ओर बढ़ने की ओर अग्रसर हैं. इस नये रास्ते के लिए हमें उनकी आवश्यकता पड़ेगी.
Also Read: Vishnu Deo Sai: अमित शाह ने बना दिया बड़ा आदमी! जानिए कौन हैं विष्णुदेव साय जो होंगे छत्तीसगढ़ के नए सीएम3 राज्यों में सीएम की चयन प्रक्रिया
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने आगे बताया कि उनकी पार्टी न केवल सिनियर पोस्ट पर बल्कि जमीनी स्तर पर भी किसी नेता का चयन करने के लिए डीप रिसर्च करती है. बीजेपी सभी कार्यकर्ताओं पर पैनी नजर रखती है जिसमें उनके इतिहास, उनकी गतिविधियों और उनकी प्रतिक्रिया शामिल होते हैं. इसके लिए हमारे पास ह्यूज डेटा बैंक है. इसका हम समय-समय पर इसका अध्ययन करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया उस समय शुरू हुई जब चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया और पार्टी ने टिकट देना शुरू किया. जब चुनाव की घोषणा हुई, हमने उम्मीदवारों को टिकट दिए…उसके बाद से हमारा नेता कौन होगा, विपक्ष या सत्ता पक्ष के लिए कौन अच्छा नेता होगा इन चीजों पर बात होने लगी थी. चुनाव नतीजे आने के बाद यह सिलसिला तेज हो गया है. गहन मंत्रणा होती है. यही बात कैबिनेट चयन के लिए भी लागू होती है.
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यहां चर्चा कर दें कि बीजेपी ने तीन बार के विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुना जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ में शीर्ष पद पर बैठाया. बीजेपी ने पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में चुना. जहां मोहन यादव और विष्णु देव साय ने बुधवार को सीएम पद की शपथ ली, वहीं शर्मा गुरुवार को शपथ लेंगे.