कोरोना वैक्सीन लेने के बाद क्या मिल जायेगा सुरक्षा कवच? क्यों लेना पड़ता है दूसरा डोज?
What protection will you get after taking the Corona vaccine? Why do you have to take another dose? : नयी दिल्ली : कोरोना वैक्सीन लेने के बाद क्या लोग सुरक्षित हो जायेंगे? वैक्सीन लेने के बाद क्या लोगों को सुरक्षा कवच मिल जायेगा? ऐसे कई सवाल आपके मन में उठते होंगे. सवाल महत्वपूर्ण है कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद आप कितना सुरक्षित हो पाते हैं?
नयी दिल्ली : कोरोना वैक्सीन लेने के बाद क्या लोग सुरक्षित हो जायेंगे? वैक्सीन लेने के बाद क्या लोगों को सुरक्षा कवच मिल जायेगा? ऐसे कई सवाल आपके मन में उठते होंगे. सवाल महत्वपूर्ण है कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद आप कितना सुरक्षित हो पाते हैं?
अमेरिका के कैलिफोर्नियों के एक कोविड अस्पताल में काम करनेवाले नर्स मैथ्यू डब्ल्यू ने 18 दिसंबर को कोविड-19 का वैक्सीन लगवाया. करीब एक सप्ताह में ही उसे ठंड लगने, मांसपेशियों में दर्द और थकान की शिकायत होने लगी.
मैथ्यू ने 18 दिसंबर को वैक्सीन लेने की खुशी सोशल मीडिया पर भी साझा किया था. फेसबुक पर पोस्ट के जरिये जानकारी भी दी. उसने लिखा कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उसने कोई साइड इफैक्ट महसूस नहीं किया. वहीं, क्रिसमस खत्म होने के बाद उसकी तबीयत खराब होने लगी थी. 26 को मैथ्यू ने कोविड जांच करायी. इसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.
सवाल है कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को यूके सरकार ने मंजूरी दी है. करीब तीन माह में वैक्सीन का दूसरा डोज देने के बजाय ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को पहला डोज देने की रणनीति पर फोकस किया जायेगा. मालूम हो कि पहले यूके में गंभीर लोगों को दो-दो वैक्सीन की डोज दी जायेगी. बाद में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दे दिया जायेगा.
कैलिफॉर्निया में पहला डोज लेने के बावजूद कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण रणनीति पर प्रश्न खड़ा हो गया है. भारत में भी ऑक्सफर्ड वैक्सीन को मंजूरी मिलना लगभग तय माना जा रहा है. इसलिए हर किसी को पहला शॉट का नियम हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है.
ऑक्सफर्ड वैक्सीन को लेकर कहा गया था कि अगर वैक्सीन का आधा डोज देने के बाद दोबारा पूरा डोज दिया जाये तो यह 30 फीसदी ज्यादा प्रभावी हो जाता है. सवाल है कि पहले डोज के करीब तीन माह बाद दूसरा डोज देना कितना फायदेमंद होगा?
क्लिनिकल ट्रायल के आंकड़ों के मुताबिक, पहले डोज में ही ये वैक्सीन अच्छा असर दिखाते हैं. फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन का पहला डोज 82 फीसदी तक प्रभावी है. जबकि मॉडर्ना का वैक्सीन पहला डोज के दो हफ्ते बाद 92 फीसदी तक प्रभावी हो जाता है.” सवाल यह है कि जब पहला डोज ही इतना प्रभावी है, तो दूसरा डोज लेने की जरूरत क्या है?
अमेरिका के संसर्गजन्य रोग विशेषज्ञ रेमर्स के मुताबिक, कोरोना के खिलाफ वैक्सीन को अपना काम करने में 10 से 14 दिन का वक्त लग जाता है. कोरोना वैक्सीन का पहला डोज केवल 50 प्रतिशत सुरक्षा देता है. 95 प्रतिशत सुरक्षा के लिए दूसरे डोज की जरूरत होती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.