उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बजट में लोगों को क्या मिला
मध्यप्रदेश में उद्योग, रोजगार, जैव ईंधन पर जोर दिया गया है, तो राजस्थान ने 18 जिलों में नर्सिंग महाविद्यालय और 1000 नये उप-स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की है. आइए, जानते हैं कि इन पांच राज्यों ने इस बार के बजट में लोगों को क्या-क्या दिया...
पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश) के बजट 2022-23 में कई चीजें समान रहीं. सभी राज्यों ने युवा शक्ति पर फोकस किया है. महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण भी सभी राज्यों के एजेंडा में है. रोजगार सृजन पर भी राज्यों का जोर है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार स्वामी विवेकानंद सशक्तीकरण योजना लायी है, तो झारखंड सरकार ने ‘गुरुजी क्रेडिट कार्ड स्कीम’ लाने की बात कही है. मध्यप्रदेश में उद्योग, रोजगार, जैव ईंधन पर जोर दिया गया है, तो राजस्थान ने 18 जिलों में नर्सिंग महाविद्यालय और 1000 नये उप-स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की है. आइए, जानते हैं कि इन पांच राज्यों ने इस बार के बजट में लोगों को क्या-क्या दिया…
उत्तर प्रदेश में युवा शक्ति और किसान पर फोकस
उत्तर प्रदेश ने इस वर्ष 20,48,234 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. उम्मीद जतायी गयी है कि इस बार अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की वृद्धि होगी. वर्ष 2020-21 में राज्य की अर्थव्यवस्था 4.2 फीसदी संकुचित हुई. यदि राज्य की अर्थव्यवस्था की तुलना राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से करेंगे, तो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2020-21 में 6.6 फीसदी का संकुचन आया, जबकि वर्ष 2021-22 में 8.9 फीसदी का. राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि, निर्माण एवं सेवा क्षेत्रों का योगदान क्रमश: 26 फीसदी, 25 फीसदी और 49 फीसदी रहा.
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योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की. किसान दुर्घटना कल्याण योजना का दायरा बढ़ाया गया है. इस योजना के तहत किसी लाभुक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर या उसके दिव्यांग हो जाने पर परिवार को 5 लाख रुपये दिये जायेंगे.
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रोजगार बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश स्टार्टअप पॉलिसी 2020 के तहत 100 इनक्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना अगले 5 साल में करने का निर्णय लिया है.
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योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सड़कों को सोलर लाइट से रोशन करने के लिए ‘बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना’ के नाम से योजना की शुरुआत की जायेगी. इस योजना के तहत राज्य के सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी जायेगी.
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उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 81,398 रुपये है. यह पिछले साल यानी वर्ष 2020-21 की तुलना में 10 फीसदी अधिक है.
बिहार में सात निश्चय पर जोर
बिहार का बजट 7,45,310 करोड़ रुपये का रहा. वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था 2.5 फीसदी बढ़ी, जो पिछले वर्ष की वृद्धिदर 7.4 फीसदी की तुलना में कम रही. कृषि और सेवा क्षेत्र में संकुचन आया. हालांकि देश की अर्थव्यवस्था से तुलना करें, तो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 6.6 फीसदी की गिरावट आयी, जबकि बिहार की अर्थव्यवस्था में वृद्धि देखी गयी. कृषि, निर्माण एवं सेवा क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में क्रमश: 24 फीसदी, 15 फीसदी और 61 फीसदी का योगदान रहा.
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भू-जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में सतह पर वैकल्पिक जल संसाधन विकसित किये जायेंगे, जो ग्राउंड वाटर को रीचार्ज करने में मददगार साबित होंगे. जलापूर्ति योजनाओं की कई स्तर पर निगरानी भी सुनिश्चित की जायेगी. पेयजल के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
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कृषि क्षेत्र में गन्ना की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सुगरकेन इंडस्ट्री डेवलपमेंट प्रोमोशन पॉलिसी बनेगी. मवेशियों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जायेगा. साथ ही कैटल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूशन की स्थापना की जायेगी. नीतीश कुमार सरकार ने सात निश्चय योजना-2 के तहत मत्स्यपालन को प्रोमोट करने के लिए कार्यक्रम चलाये जायेंगे. सभी 54 बाजार प्रांगणों के विकास के लिए कार्यक्रम चलाये जायेंगे (नाबार्ड से ऋण के माध्यम से वित्त पोषित). सात निश्चय योजना-2 के तहत 30 फीट तक के 361 पक्का चेक डैम का निर्माण कराया जायेगा.
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बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम (भारत के सभी राज्यों में) 50,555 रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.6 फीसदी अधिक है. देश की प्रति व्यक्ति आय 1,46,087 रुपये है.
झारखंड का लोकलुभावन बजट
झारखंड में 4,01,997 करोड़ रुपये का बजट इस बार हेमंत सोरेन की सरकार ने पेश किया. राज्य की अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. हालांकि, देश की अर्थव्यवस्था से झारखंड की तुलना करें, तो इसकी स्थिति थोड़ी बेहतर रही. देश की अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी तक गिरी. झारखंड की अर्थव्यवस्था में कृषि, निर्माण एवं सेवा क्षेत्रों का योगदान क्रमश: 23 फीसदी, 33 फीसदी और 44 फीसदी रही. वर्ष 2020-21 में निर्माण एवं सेवा क्षेत्र में क्रमश: 7.1 फीसदी और 10 फीसदी का संकुचन देखा गया था.
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हेमंत सोरेन सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए कई घोषणाएं कीं. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के बाकी 5.22 लाख आवास का निर्माण पूरा कराया जायेगा. राज्य सरकार प्रति आवास अतिरिक्त 50,000 रुपये उपलब्ध करायेगी, ताकि लोग मकान में एक अतिरिक्त कमरा बनवा सकें.
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युवाओं की उच्च शिक्षा में कोई बाधा न आये, इसके लिए सरकार ने गुरुजी क्रेडिट कार्ड स्कीम का प्रस्ताव किया है. इतना ही नहीं, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ट्रांस-नेशनल स्कॉलरशिप स्कीम का लाभ अब अनुसूचित जाति, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को भी मिलेगा.
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खाद्य एवं जनवितरण प्रणाली के तहत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून एवं झारखंड खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुकों को एक रुपया किलो की दर से दाल का वितरण की शुरुआत की जायेगी.
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झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 75,587 रुपये है, जो राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय के आधा से कुछ ज्यादा है. देश की प्रति व्यक्ति आय 1,46,087 है.
शिवराज की सरकार ने मध्यप्रदेश को दी कौन-सी सौगातें
मध्यप्रदेश सरकार की शिवराज सिंह सरकार ने 11,51,049 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. सरकार ने लोक कल्याणकारी योजनाओं में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को 21 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी कर दिया है.
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मेडिकल एजुकेशन के लिए सरकार ने सीटें बढ़ाने का ऐलान बजट में किया है. बताया गया है कि वर्तमान में राज्य में मेडिकल की 2,350 सीटें हैं, जिसे बढ़ाकर 3,250 किया जायेगा. इतना ही नहीं, राज्य में 22 नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे.
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इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार ने विशेष जोर दिया है. बजट प्रस्ताव में सरकार ने कहा है कि राज्य में 217 इलेक्ट्रिक ह्विकल चार्जिंग स्टेशन बनाये जायेंगे. ये स्टेशन भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में स्थापित किये जायेंगे.
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मध्यप्रदेश के जीडीपी में वर्ष 2020-21 में 3.4 फीसदी निगेटिव वृद्धि रही. इस दौरान सर्विस सेक्टर में 8.9 फीसदी का संकुचन देखा गया, जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.9 फीसदी का. कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था में क्रमश: 47 फीसदी, 19 फीसदी और 34 फीसदी का योगदान रहा.
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वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1,09,181 रुपये रही. यह पिछले वर्ष यानी वर्ष 2019-20 की तुलना में 3.4 फीसदी कम रही. 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 1,13,079 रुपये रही, जो राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,46,087 रुपये की तुलना में 33,008 रुपये कम है.
राजस्थान के बजट में लोगों को क्या मिला
राजस्थान सरकार का बजट इस वर्ष 13,34,410 करोड़ रुपये का रहा. सरकार को उम्मीद है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में 11 फीसदी की वृद्धि आयेगी. वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 2.9 फीसदी का संकुचन आया. वर्ष 2021-22 में कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में क्रमश: 27 फीसदी, 24 फीसदी और 41 फीसदी का योगदान रहा. वर्ष 2020-21 में निर्माण और सेवा क्षेत्र में 6 फीसदी का संकुचन आया.
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राजस्थान सरकार ने वर्तमान बजट में कई तरह की टैक्स रियायतें दी हैं, जो इस प्रकार है: (1) पुराने दोपहिया वाहन और कारों पर एक बार 50 फीसदी की रियायत दी जायेगी. (2) ई-ह्विकल की खरीद एसजीएसटी री-इम्बर्समेंट और दोपहिया एवं तीन पहिया ई-वाहनों की खरीद पर सकार की ओर से मदद दी जायेगी. (3) पुत्रवधुओं को गिफ्ट डीड पर स्टांप ड्यूटी को 2.5 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी किया जायेगा और (4) दादा-दादी की ओर से अपने पोते-पोतियों को गिफ्ट डीड पर अब कोई स्टांप ड्यूटी नहीं देना होगा.
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान सरकार ने कई घोषणाएं की हैं. चिरंजीवी स्कीम के तहत प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जायेगा. 1,000 नये उपस्वास्थ्य केंद्रों और 15 नये अस्पतालों का निर्माण किया जायेगा. फूड सिक्यूरिटी ऑफिसर के 200 नये पद सृजित किये जायेंगे और उन पर लोगों की नियुक्ति की जायेगी.
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कृषि क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के लिए कॉर्पस फंड को 2,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दिया है. योजना के तहत 11 नये मिशन की लांचिंग होगी. इसमें सूक्ष्म सिंचाई, जैविक कृषि, बीज उत्पादन एवं वितरण और खाद्य प्रसंस्करण योजना शामिल हैं.
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राजस्थान सरकार ने नयी पेंशन योजना को बंद करके पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का प्रस्ताव बजट में किया है. इसका लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आये हैं.
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राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 1,29,460, रुपये है, जो वर्ष 2019-20 की तुलना में कुछ ज्यादा है. वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,46,087 रुपये है.