नई दिल्ली : सेना में चार साल की भर्ती के लिए सरकार की ओर से पेश की गई नई अग्निपथ योजना के खिलाफ भारत के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन कारी रहा. छात्रों के बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने गुरुवार को एक दस्तावेज जारी कर स्पष्टीकरण दिया चार साल की सेवा समाप्त होने के बाद अग्निवीर क्या करेंगे. सरकार ने गुरुवार देर रात घोषणा की कि उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा अब एकमुश्त छूट के रूप में 21 से बढ़ाकर 23 कर दी जाएगी. सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों में नियुक्ति मौजूदा भर्ती से लगभग तिगुनी हो जाएगी. इसके साथ ही, चार साल के कार्यकाल के बाद नौकरी से निकाले जाने वालों के लिए भी कई रास्ते खोले जा रहे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जारी एक दस्तावेज में सरकार ने एक विस्तृत स्पष्टीकरण दिया कि एक अग्निवीर चार साल बाद क्या कर सकता है. सरकार के दस्तावेज के अनुसार, प्रत्येक बैच में 25 प्रतिशत अग्निवीरों का सशस्त्र बलों में स्थायी संवर्ग के लिए चयन किया जाएगा. बाकी के 75 फीसदी अग्निवीरों के पास अपना करियर बनाने के कई अवसर प्रदान किए जाएंगे.
पहला साल : चार साल की सेवा के बाद जीवन की शुरुआत के लिए अग्निवीरों को करीब 12 लाख रुपये का वित्तीय पैकेज दिया जाएगा. इन चार सालों में मिलने वाले वित्तीय लाभ को देखा जाए, तो अग्निवीरों की नियुक्ति के बाद पहले साल में उन्हें प्रत्येक महीने 30 हजार रुपये दिए जाएंगे. इनमें से करीब 9000 रुपये अग्निवीर कॉरपस फंड के लिए काट लिये जाएंगे, जो उनके वेतन का करीब 30 फीसदी होगा. वेतन के रूप में उनके हाथ में 21,000 रुपये आएंगे. इसके साथ ही, अग्निवीर कॉरपस फंड के लिए जितनी राशि उनके वेतन से काटा जाएगा, उसी के बराबर 9000 रुपये सरकार की ओर से भी योगदान दिया जाएगा.
दूसरा साल : चार साल की सेवा में दूसरे साल अग्निवीरों को प्रति माह करीब 33,000 रुपये दिए जाएंगे. इसमें से करीब 9900 रुपये कॉरपस फंड के लिए काटे जाएंगे. इसके बाद उनके हाथ में 23100 रुपये की नकदी आएगी. अब सरकार भी 9900 रुपये अग्निवीर कॉरपस फंड में अपना योगदान डालेगी.
तीसरा साल : तीसरे साल के कार्यकाल की शुरुआत से ही अग्निवीरों को 36500 रुपये का मासिक पैकेज दिया जाएगा. इसमें से 30 फीसदी रकम यानी 10950 रुपये कॉरपस फंड में चली जाएगी. अग्निवीरों के हाथ में 25580 रुपये हर महीने वेतन के रूप में आएंगे. उधर, सरकार भी 10950 रुपये उनके कॉरपस फंड में अपना योगदान डालेगी.
चौथा साल : चौथे साल के कार्यकाल में अग्निवीरों को 40000 रुपये मासिक का पैकेज दिया जाएगा. इसमें से 30 फीसदी हिस्सा 12000 रुपये कॉरपस फंड में चला जाएगा और सरकार भी इतनी ही राशि कॉरपस फंड में डालेगी. अग्निवीरों के हाथ हर महीने वेतन के रूप में 28000 रुपये मिलेंगे.
कुल वित्तीय लाभ : अब सवाल यह पैदा होता है कि चार साल की सेवाकाल के बाद अग्निवीर की नौकरी चली जाएगी, तो उसे वित्तीय लाभ कितना मिलेगा. चार साल की सेवा काल के दौरान अग्निवीरों के वेतन से अग्निवीर कॉरपस फंड के लिए काटी गई राशि करीब 5.02 लाख हो जाती है. इसी के साथ सरकार की ओर से कॉरपस फंड में योगदान के तौर पर जमा कराई गई कुल रकम भी 5.02 लाख हो जाती है. हालांकि, कॉरपस फंड में अग्निवीरों और सरकार का योगदान मिलाकर कुल रकम 10.04 लाख की ही होती है, लेकिन अग्निवीरों के हाथ में 11.71 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा.
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चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र बलों और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत भाजपा शासित राज्य के पुलिस बल में भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, देश के आईटी, सुरक्षा, इंजीनियरिंग कंपनियों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही, सरकार ने बैंक, बीमा कंपनी और वित्तीय संस्थानों को अग्निवीरों को प्राथमिकता के आधार पर मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया के तहत स्वरोजगार के लिए कर्ज मुहैया कराने का निर्देश दिया है.