भारत में समाचारों के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक का अधिक होता है उपयोग, प्रिंट ब्रांड अधिक भरोसेमंद

News in India, Whatsapp, Youtube, Facebook : नयी दिल्ली : भारत में समाचार के लिए व्हाट्सएप, यू-ट्यूब और फेसबुक जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. यह बात रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आयी है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता से 'गलत सूचना' और 'अभद्र भाषा' के साथ-साथ 'गंभीर समस्याएं' उत्पन्न की हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 6:26 PM
an image

नयी दिल्ली : भारत में समाचार के लिए व्हाट्सएप, यू-ट्यूब और फेसबुक जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. यह बात रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आयी है. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता से ‘गलत सूचना’ और ‘अभद्र भाषा’ के साथ-साथ ‘गंभीर समस्याएं’ उत्पन्न की हैं.

वैश्विक सर्वेक्षण के मुताबिक, दुनिया के मोबाइल केंद्रित बाजारों में से एक भारत है. यहां 73 फीसदी यूजर्स स्मार्टफोन के जरिये समाचार प्राप्त करते हैं. वहीं, मात्र 37 फीसदी ही कंप्यूटर का उपयोग करते हैं. समाचार के लिए स्मार्टफोन पर निर्भरता का कारण कम डेटा शुल्क और उपकरणों का सस्ता होना बताया गया है.

करीब 60 करोड़ सक्रिय इंटरनेट यूजर्स मोबाइल के जरिये इंटरनेट का उपयोग करते हैं. सर्वेक्षण में आधे से अधिक लोगों का कहना है कि समाचार की जिज्ञासा के लिए व्हाट्सएप और यू-ट्यूब का उपयोग करते हैं. करीब 82 फीसदी लोगों ने सोशल मीडिया समेत अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये समाचार का उपयोग किया.

हालांकि, भारत में मुख्य रूप से अंग्रेजी जानने-बोलनेवाले 59 फीसदी ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं ने समाचार के लिए टेलीविजन का उपयोग किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि समाचार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता से ‘गलत सूचना’ और ‘अभद्र भाषा’ के साथ-साथ ‘गंभीर समस्याएं’ भी पैदा की हैं.

एचटी के मुताबिक, रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी के वरिष्ठ शोध सहयोगी निक न्यूमैन ने कहा है कि, ”फेसबुक को हर जगह गलत सूचना फैलाने के मुख्य स्रोत के रूप में जाना जाता है. लेकिन, व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप को दुनिया के कुछ हिस्सों जैसे ब्राजील और इंडोनेशिया में बड़ी समस्या के रूप में देखा गया है.

हाल के टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) का हवाला देते हुए कहा गया है कि लोकप्रिय समाचार स्रोत के समग्र रूप में टेलीविजन अब भी बना हुआ है. हालांकि, टेलीविजन की तुलना में प्रिंट ब्रांड अधिक भरोसेमंद हैं. वहीं, कुछ टेलीविजन चैनल लोकप्रिय होने के बावजूद ब्रांडों की तुलना में कम विश्वसनीय रहे हैं.

Exit mobile version