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Coronavirus: देश में कब खत्म होगी कोरोना की तीसरी लहर, जानें इसके पीक को लेकर क्या है एक्सपर्ट्‌स की राय

Coronavirus News: यूरोपीय देशों में 2020 से 2022 तक में कोरोना वायरस की पांच लहर आ चुकी है और अब यह कमजोर पड़ रहा है. उम्मीद है यह लगातार कमजोर ही होगा अगर कोई नया म्यूटेशन ना हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2022 6:19 PM

मुंबई में कोरोना वायरस की तीसरी लहर कमजोर पड़ रही है, लेकिन इसके पूरी तरह समाप्त होने में मार्च तक का समय लग जायेगा. इसकी वजह यह है कि पूरे देश में कोरोना वायरस के ओमिक्राॅन वैरिएंट की रफ्तार कमजोर होगी.

यूरोपीय देशों में 2020 से 2022 तक में कोरोना वायरस की पांच लहर आ चुकी है और अब यह कमजोर पड़ रहा है. उम्मीद है यह लगातार कमजोर ही होगा अगर कोई नया म्यूटेशन ना हो.

भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खत्म होने को लेकर जो विभिन्न गणनाएं की जा रही हैं उनके अनुसार जनवरी के अंतिम सप्ताह या फिर फरवरी के शुरुआती सप्ताह में यह समाप्त हो जायेगा. महामारी विशेषज्ञ डॉ गिरिधर बाबू के अनुसार कोरोना के ओमिक्राॅन वैरिएंट को अपने पीक पर पहुंचने में तीन सप्ताह का समय लगता है और यह डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना तेजी से अपना संक्रमण फैलाता है. इसलिए अगले दो सप्ताह भारत के लिए जोखिम भरे हैं और इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है.

दिल्ली और मुंबई जैसे शहर ओमिक्राॅन के पाॅकेट बने हैं, जहां खतरे को महसूस किया गया. यहां दिसंबर के अंतिम सप्ताह से संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ था, उस लिहाज से यहां कोरोना की तीसरी लहर का पीक आ चुका है. केस अब स्थिर हो गये हैं और घटने लगे हैं यह कहना है डाॅ ओम श्रीवास्तव का.

वहीं एसबीआई के रिसर्च में दावा किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर अगले तीन सप्ताह में चरम पर हो सकती है. एसबीआई रिसर्च ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि यह उम्मीद शीर्ष 15 जिलों में नए मामलों में भारी कमी से उत्पन्न हुई है, जहां सबसे अधिक संक्रमण है.

शीर्ष 15 जिलों में संक्रमण जनवरी में घटकर 37.4 प्रतिशत हो गया है, जो दिसंबर में 67.9 प्रतिशत था. हालांकि, रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया है कि इन शीर्ष 15 जिलों में से 10 प्रमुख शहर हैं और उनमें से बेंगलुरु और पुणे में अभी भी संक्रमण दर अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नए मामलों में ग्रामीण जिलों की कुल हिस्सेदारी जनवरी में बढ़कर 32.6 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर में सबसे कम 14.4 प्रतिशत थी.

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इसकी बड़ी वजह यह है कि भारत ने पात्र आबादी में से 64 प्रतिशत को टीके की दोनों खुराक लगा दी है, जबकि 89 प्रतिशत पात्र आबादी को पहली खुराक दी गई है. कुल टीकाकरण में ग्रामीण टीकाकरण का हिस्सा अब 83 प्रतिशत है, जो यह दर्शाता है कि मौजूदा लहर में ग्रामीण आबादी को बड़े पैमाने पर संरक्षित किया जा सकता है.

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