कब खत्म होगा कोरोना संक्रमण, कब बनेगी हर्ड इम्यूनिटी ?
जो भी लोग संक्रमण से प्रभावित होंगे उनके शरीर में ऐंटिबॉडी बनेगी जो संक्रमण को रोकने का काम करेगी लेकिन अब कोरोना के नये - नये स्ट्रैन ने हर्ड इम्यूनिटी को लेकर संभावनाएं और कम कर दी है. यह तो साफ हो गया है कि इतनी आसानी से संक्रमण जाने वाला नहीं है.
कोरोना संक्रमण से कब तक मुक्ति मिलेगी? कब यह वायरस पूरी तरह से खत्म हो जायेगा? दुनियाभर में लोग यही सवाल कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण का फैलाव जब बढ़ने लगा था तो ऐसी चर्चा चली कि हर्ड इम्यूनिटी होगी तो यह संकट खत्म हो जायेगा.
जो भी लोग संक्रमण से प्रभावित होंगे उनके शरीर में ऐंटिबॉडी बनेगी जो संक्रमण को रोकने का काम करेगी लेकिन अब कोरोना के नये – नये स्ट्रैन ने हर्ड इम्यूनिटी को लेकर संभावनाएं और कम कर दी है. यह तो साफ हो गया है कि इतनी आसानी से संक्रमण जाने वाला नहीं है.
इस संबंध में देश के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी अपना मत रखा है जिसमें उन्होंने यह माना है कि आसानी से हर्ड इम्यूनिटी तैयार नहीं हो पायेगी ना सिर्फ देश में पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण का फैलाव अभी जारी रहेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि अब से करीब छह से नौ महीने के बाद इनमें कमी आयेगी.
कब तैयार होती है हर्ड इम्यूनिटी
यह तब तैयार होती है जब आबादी का बड़ा हिस्सा संक्रमण से ठीक होकर अपने अंदर एंटीबॉडी विकसित कर लेता है. यह दो तरीके से संभव है कि एक तो वायरस से खुद ब खुद निपटा गया और दूसरा वैक्सीनेशन के जरिये यह विकसित किया गया है.
लंबी चलेगी लड़ाई
हर्ड इम्यूनिटी को लेकर कई तरह की बातें हो रही है कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर्ड प्रॉटेक्शन है ना कि हर्ड इम्यूनिटी क्योंकि वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित नहीं होती बल्कि प्रोटेक्शन होता है. एक्सपर्ट्स ने यह भी राय दी है कि कोरोना से जंग में वैक्सीन बड़ी भूमिका निभायेगा इसलिए सभी को वैक्सीन लेना चाहिए. कोरोना वायरस से लड़ाई निकट भविष्य में खत्म नहीं हो रही है यह लड़ाई लंबी चलेगी तो इसकी तैयारी भी उसी आधार पर करनी होगी.
Also Read: दक्षिण भारत में तेजी से फैल रहा है Double Mutant स्ट्रैन, वैज्ञानिकों ने जतायी चिंता
हर्ड इम्यूनिटी को लेकर तरह तरह की चर्चा है. एक्सपर्ट्स कहते हैं जब संक्रमण से लड़ने की क्षमता कुछ महीनों के अंदर ही खत्म हो जाती है तो इसका प्रसार कैसे होगा, कहीं बनेगी तो कहीं खत्म हो जायेगी. ऐसे में वैक्सीन ही एक मात्र रास्ता है.