दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि क्या विधायक इमरान हुसैन को ‘रिफिलर’ के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई साथ ही सवाल किया गया है, ऑक्सीजन की खरीद के दस्तावेज दिखाने को कहा, जिसे उन्होंने दिल्ली के बाहर से खरीदा और यहां बांट रहे हैं.
ऑक्सीजन की जमाखोरी को लेकर दायर की गयी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार और कैबिनेट मंत्री से जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि यह जमाखोरी में नहीं आते क्योंकि नेता ने संसाधन जुटाये और लोगों में बांट दिये.
इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 मई को होगी. दिल्ली सरकार के वकील ने यह भी कहा है कि इसमें कई नेता शामिल है दूसरे नेताओं ने भी ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी चीजें बांटी है. दिल्ली सरकार ने इस पूरे मामले में 17 मई तक का वक्त मांगा है ताकि नेता इस मुद्दे पर अपना हलफनाम दायर कर सकें. कोर्ट ने इस पूरे मसले पर यह स्पष्ट किया है कि जमाखोरी नहीं है. जमाखोरी तब है जब इन सामानों को गोदाम में रखा जाये और कीमत बढ़ने पर मुनाफे के लिए बेची जाये.