19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lithium : भारत में मिला ‘सफेद सोना’ का बड़ा भंडार, जानें इस खबर से क्यों टेंशन में है चीन

Lithium Found in India : लिथियम जिसे ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता है, इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन की बैटरी में अहम घटकों में से एक है. यह बिग बैंग से निकलने वाली एकमात्र सबसे हल्की धातु है. यह पानी के साथ एक ज्वलनशील प्रतिक्रिया पैदा करती है, जिससे ऊर्जा पैदा होती है.

Lithium Found in India : भारत में पहली बार लिथियम के भंडार बड़े भंडार का पता चला है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने यह जानकारी दी. जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि ऐसा पहली बार है, जब देश में इतनी बड़ी तादाद में लीथियम मेटल का भंडार मिला है. जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन लिथियम के अनुमानित भंडार की खोज की गयी है.

बता दें कि भारत लीथियम मेटल समेत प्रमुख खनिजों की सप्लाई चेन को मजबूत करने की कोशिश मे जुटा हुआ है. खान मंत्रालय ने कहा था कि उभरती तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण खनिज सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है. वर्तमान में, भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है.

दुनिया का आधे से अधिक लिथियम ऑस्ट्रेलिया से आता है

मुख्य रूप से लिथियम को सेरामिक और कांच के उत्पादों, ग्रीस, फार्मास्युटिकल कंपाउंड, एयर कंडीशनर और एल्यूमीनियम उत्पादन में उपयोग किया जाता है. सबसे कम घनत्व वाली धातु होने के कारण प्रति किलोग्राम उच्चतम ऊर्जा भंडारण क्षमता के लिए लिथियम बैटरी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण घटक माना जाता है. दुनिया का आधे से अधिक लिथियम ऑस्ट्रेलिया से आता है, जो क्ले डिपाजिट के रूप में सोइल्ड मिनरल रॉक में पाया जाता है. चिली, अर्जेंटीना और बोलिविया को ‘लिथियम ट्रायंगल’ के रूप में जाना जाता है.

दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम जमा सालार डी उयूनी, बोलिविया में है, जहां वर्तमान में सरकारी नियमों के कारण खनन प्रतिबंधित है. हालांकि लिथियम सीमित है, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि महासागरों में 180 बिलियन टन धातु का अत्यधिक पतला रूप मौजूद है.

ये भी जानें

-59 लाख टन का है भारत में मिला लिथियम का भंडार

-3,384 अरब रुपये से अधिक है इसकी अनुमानित कीमत

-57.36 लाख रुपये खर्च होंगे एक टन लिथियम के लिए

-4000 किलो लेड-एसिड 600 किलो लिथियम-आयन बैटरी के बराबर

Also Read: Good News: भारत में पहली बार मिला लाखों टन लिथियम का भंडार, सस्ते होंगे फोन और EV

-एक टेस्ला कार 600 किलो लिथियम-आयन बैटरी पर काम कर सकती है. वही, लेड-एसिड बैटरी पर निर्भर करे, तो उसे 4000 किलोग्राम की आवश्यकता होगी.

-लेड-एसिड के विपरीत, लिथियम-आयन बैटरी को बिना किसी विफलता के लगभग 10% क्षमता तक डिस्चार्ज किया जा सकता है, और हजारों बार रिचार्ज किया जा सकता है.

दुनिया के तीन सबसे बड़े लिथियम उत्पादक

ऑस्ट्रेलिया- 52 %

चिली- 24.5 %

चीन- 13.2 %

लिथियम भंडार वाला तीसरा बड़ा देश बनेगा भारत, टेंशन में चीन

कश्मीर में 59 लाख टन भंडार मिलने से भारत तीसरे नंबर पर आ चुका है. वहीं चीन 20 लाख टन भंडार के साथ पांचवे नंबर पर है. भारत के पड़ोसी देश चीन ने 2030 तक 40 फीसदी इलेक्ट्रिक कारों का लक्ष्य तय किया है. दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली हर 10 लीथियम बैटरी में से 4 का इस्तेमाल चीन में किया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें