नयी दिल्ली : सड़कों पर चल रही पुरानी गाड़ियों को कबाड़ में भेजने के लिए सरकार ने नयी व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी जारी की है. इसके लिए देशभर में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (RVSF)) बनाये जायेंगे.
Criteria for Scrapping of Vehicle at Registered Vehicle Scrapping Facility. #CircularEconomy pic.twitter.com/j1vVhljDfX
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 29, 2021
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर बताया है कि जिन वाहनों ने सीएमवीआर, 1989 के नियम 52 के अनुसार अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र का नवीनीकरण नहीं कराया है, उन्हें आरवीएसएफ में स्क्रैप किया जा सकेगा.
साथ ही ऐसे वाहन, जिन्हें मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 62 के अनुसार फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है, उन्हें भी आरवीएसएफ में स्क्रैप किया जा सकेगा. आग, दंगा, प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या किसी भी आपदा में क्षतिग्रस्त हुए वाहन, जिसके बाद पंजीकृत मालिक स्क्रैप के रूप में प्रमाणित करता है.
ऐसे वाहन, जिन्हें सरकार के केंद्रीय/राज्य संगठनों द्वारा अप्रचलित या अधिशेष या आर्थिक मरम्मत से परे घोषित किया गया है और जिन्हें स्क्रैप करने की पेशकश की गयी है. साथ ही आरवीएसएएफ सहित किसी भी एजेंसी द्वारा वाहनों को स्क्रैप करने के लिए नीलामी में खरीदे गये वाहन की स्क्रैपिंग की जायेगी.
ऐसे वाहन, जो विशेष रूप से खनन, राजमार्ग, बिजली, खेतों, कारखानों, हवाई अड्डों आदि में परियोजनाओं के लिए अपनी उपयोगिता या आवेदन से बाहर हो गये हैं, जैसा कि मालिक द्वारा स्व-प्रमाणित किया जा सकता है, उसे भी आरवीएसएफ में स्क्रैप किया जा सकेगा.
वहीं, मैन्युफैक्चरिंग रिजेक्ट, टेस्ट व्हीकल, प्रोटोटाइप, वाहन ओईएम से डीलरों तक परिवहन के दौरान क्षतिग्रस्त वाहन या बिना बिके / अपंजीकृत वाहन, जैसा कि वाहन के मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) द्वारा प्रमाणित किया जा सकता है. उसे भी आरवीएसएफ में स्क्रैप किया जा सकेगा.
इसके अलावा किसी भी प्रवर्तन एजेंसी द्वारा नीलाम किये गये, जब्त किये गये और छोड़े गये वाहनों को रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी में स्क्रैप किया जा सकेगा. साथ ही वाहन मालिक के विवेक पर स्क्रैपिंग के लिए आरवीएसएफ को स्वेच्छा से पेश किये गये वाहन को भी स्क्रैप किया जा सकेगा.