22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

17-18 अगस्त को पारंपरिक चिकित्सा पर WHO और आयुष मंत्रालय का पहला शिखर सम्मेलन

सम्मेलन की जानकारी देते हुए केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के समापन पर होने वाले घोषणापत्र से पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिश्नल मेडिसिन’ को भविष्य में नये आयाम मिलेंगे.

दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों में भरोसा बढ़ रहा है. फिर भी अन्य चिकित्सा पद्धति के मुकाबले परंपरागत चिकित्सा पद्धति की स्वीकार्यता कम है. लेकिन सरकार इस पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाया है. इस कड़ी में 17-18 अगस्त को गुजरात के गांधी नगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा वैश्विक स्तर पर शिखर सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है.

WHO और आयुष मंत्रालय के बीच होगी पारंपरिक और एकीकृत चिकित्सा पहलुओं पर मंथन

इस तरह का यह पहला शिखर सम्मेलन है जिसमें पारंपरिक और एकीकृत चिकित्सा पहलुओं पर मंथन किया जायेगा. साथ ही भविष्य में स्वास्थ्य और जनकल्याण की दिशा सुनिश्चित करने, पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक खोज और साक्ष्य-आधारित व पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों और चिकित्सकों के लिए एक महत्वूपर्ण मंच साबित होगा.

मुंजपरा महेंद्रभाई ने सम्मेलन के बारे में दी जानकारी

सम्मेलन की जानकारी देते हुए केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के समापन पर होने वाले घोषणापत्र से पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिश्नल मेडिसिन’ को भविष्य में नये आयाम मिलेंगे. पिछले साल जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के शिलान्यास के बाद अब भारत में ही पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि दूरदर्शी नीतियों और डिजिटल पहल से पारंपरिक प्रथाओं को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ मिश्रित करके भारत ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के जरिये नयी उपलब्धि हासिल की है.

Also Read: Who Is Kairan Quazi? 14 साल के लड़के को एलन मस्क ने स्पेसएक्स में दिया जॉब, जानिए कौन हैं कैरन काजी

शिखर सम्मेलन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए तैयार होगा रोडमैप

दुनिया की लगभग 80 फीसदी आबादी पारंपरिक चिकित्सा जैसे हर्बल मिश्रण, एक्यूपंक्चर, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वदेशी चिकित्सा का उपयोग कर रही है. इस मौके पर स्वास्थ्य प्रणाली विकास विभाग, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक मनोज झालानी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक समग्र और स्वस्थ दुनिया बनाने की दिशा में एक रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी. जिससे मानव स्वास्थ्य और जनकल्याण के नये रास्ते बनेंगे.

शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे WHO के महानिदेश टेड्रोस

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस , केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मौजूद रहेंगे. सम्मेलन में जी-20 के स्वास्थ्य मंत्रियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी के अलावा पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल होंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें