विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) की कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ से सत्यापन प्राप्त करनेवाला पहला वैक्सीन बन गया है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना महामारी से निबटने में वैक्सीन के समान वैश्विक पहुंच पर जोर दिया है.
The Pfizer/BioNTech #COVID19 vaccine today became the first vaccine to receive WHO validation for emergency use since the outbreak began.
Equitable global access to vaccines is crucial to combat the pandemic.
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— World Health Organization (WHO) (@WHO) December 31, 2020
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि आपातकालीन उपयोग सूचीकरण देशों को कोविड 19 वैक्सीन के आयात और प्रशासन के लिए अपने स्वयं के नियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में तेजी लाने की अनुमति देता है. साथ ही यूनिसेफ को जरूरतमंद देशों को वितरण के लिए वैक्सीन की खरीद का अधिकार भी दिया है.
फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) की कोरोना वायरस वैक्सीन को -60 डिग्री सेल्सियस से -90 डिग्री सेल्सियस तक संग्रहित करने की जरूरत होती है. अल्ट्रा-कोल्ड चेन उपकरण जहां उपलब्ध नहीं है, वहां यह वैक्सीन पहुंचाना चुनौती होगी.
साथ ही डब्ल्यूएचओ ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये संबंधित देशों से वैक्सीन के लाभ को लेकर बात करेगा. फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) की कोरोना वायरस वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने के बाद दुनियाभर के देशों में फाइजर की वैक्सीन के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है.
डब्लूएचओ ने फाइजर वैक्सीन को लेकर कहा कि सुरक्षा और प्रभाव को लेकर वैक्सीन को मानदंड मिलना चाहिए. इस वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद कोरोना से मौत की संभावना कम हो जाती है. साथ ही कहा कि वैक्सीन को इसलिए मंजूरी दी कि सभी लोगों तक पहुंचने में देरी नहीं हो.
फाइजर की कोरोना वैक्सीन को सबसे पहले ब्रिटेन ने आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी. इसके बाद अमेरिका ने भी इस वैक्सीन को अनुमति दे दी. इसके बाद यूरोपीय यूनियन, इजरायल, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है.
इधर, चीन ने सरकारी कंपनी ‘सिनोफार्म’ द्वारा विकसित कोरोना वायरस के टीके को सशर्त मंजूरी दे दी है. ‘सिनोफार्म’ ने कहा था कि उसका वैक्सीन जांच के अंतिम एवं तीसरे चरण के प्रारंभिक नतीजों के अनुसार, संक्रमण से बचाव में 79.3 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है. खबर के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मानकों की तुलना में ‘सिनोफार्म’ के नतीजे 50 प्रतिशत बेहतर हैं.
अमेरिका के ‘फाइजर’ और ‘मॉर्डना’ के टीके को अधिकृत करने के बाद चीन ने अपने देश में बनाये जा रहे वैक्सीन में से एक को मंजूरी दी है. ब्रिटेन ने ‘ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका’ के कोविड-19 के टीके को भी मंजूरी दे दी थी, जिसके पहले टीके वहां लगाये गये. चीन की सरकार द्वारा संचालित दवा कंपनी ‘सिनोफार्म’ उन पांच चीनी कंपनियों में शुमार है, जो वैक्सीन बनाने की वैश्विक दौड़ में शामिल हैं.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) आज वैक्सीन की अनुमति को लेकर बड़ी बैठक करेगी. इस बैठक में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड और फाइजर की वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिलने की संभावना है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.