Corona Vaccine : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca Corona Vaccine) की कोरोना वैक्सीन को लार्ज स्केल यूज के लिए मंजूरी दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक एक्सपर्ट पैनल ने एस्ट्राजेनेका टीके के उन देशों में भी उपयोग की सिफारिश की जहां कोरोना वायरस के नये स्वरूप लोगों में सामने आये हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने बयान में कहा है कि यह वैक्सीन 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए भी सुरक्षित है.
बता दें कि साउथ अफ्रीका में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर सवाल उठे थें. एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन साउथ अफ्रीका में मिले कोविड के स्ट्रेन पर इफेक्टिव नहीं है. ऐसे कुछ मामलों के सामने आने के बाद साउथ अफ्रीका में टीकाकरण अभियान को रोक दिया गया था. वैसे दुनियाभर में (इन विशेषज्ञों की) सलाह का स्वास्थ्य अधिकारी उपयोग करते हैं लेकिन वे संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों के वास्ते इस टीके की खेप के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी जैसा नहीं है.
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WHO के स्ट्रैटजिक अडवायजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्युनाइजेशन (SAGE) ने ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में की गई स्टडी के ट्रायल डेटा का हवाला देते हुए कहा कि 2 डोज देने के बाद वैक्सीन की इफिकेसी 63.09 % रही. टीम ने उन रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया, जिनमें कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन वायरस के नए स्ट्रेन पर कम इफेक्टिव है. सेज के प्रमुख ऐलेजेंद्रो क्राविओटो ने कहा कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के प्रभाव को लेकर साउथ अफ्रीका जैसे देशों में सवाल उठे हैं लेकिन इन देशों में भी इस्तेमाल पर रोक नहीं लगनी चाहिए.
AstraZeneca वैक्सीन महत्वपूर्ण है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र समर्थित COVAX सुविधा, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के चाहे अमीर या गरीब देशों लोगों के लिए कोरोनोवायरस वैक्सीन तैनात करना है, AstraZeneca वैक्सीन के सैकड़ों मिलियन खुराक की शिपिंग शुरू करने की उम्मीद है जो इस महीने के अंत में शुरू होगी.