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Who is Atishi : दिल्‍ली की गद्दी पर बैठने जा रही आतिशी के बारे में जानिए सबकुछ

Who is Atishi : दिल्ली सरकार में वित्त, शिक्षा और राजस्व सहित 14 विभागों का जिम्मा संभाल रहीं आतिशी (43) उन लोगों में शामिल थीं जिन्होंने केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान राज्य की बागडोर संभाली.

Who is Atishi : शिक्षा क्षेत्र में आप सरकार की कई उपलब्धियों का श्रेय आतिशी को दिया जाता है. उन्हें पिछले साल मार्च में दिल्ली मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था तथा 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में आप संयोजक केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से वह सरकार और पार्टी दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं.

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और तृप्ता वाही की बेटी आतिशी ने स्प्रिंगडेल्स स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है.

कांग्रेस की शीला दीक्षित और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुषमा स्वराज के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी.

केजरीवाल उप राज्यपाल वी. के. सक्सेना से शाम साढ़े चार बजे राज निवास में मुलाकात करेंगे और मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपेंगे जिससे उनके बाद अगले मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की निुयक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा.

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘वह दिल्ली विधानसभा में आप विधायक दल की नयी नेता के रूप में आतिशी के बारे में उप राज्यपाल को सूचित करेंगे.’’

पार्टी नेता गोपाल राय ने पत्रकारों से कहा कि इस्तीफे के बाद आप विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल उप राज्यपाल से मुलाकात करेगा और आतिशी के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन का दावा पेश करेगा.

केजरीवाल के बाद अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अटकलें तेज थीं. हालांकि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आतिशी का नाम सबसे आगे था और उन्हें केजरीवाल तथा पार्टी में दूसरे प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया का बेहद करीबी माना जाता है. इस बहस पर विराम लगाते हुए केजरीवाल ने आप विधायक दल की बैठक में कालकाजी से विधायक आतिशी का नाम प्रस्तावित किया जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया.

पार्टी नेताओं ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का सत्र 26-27 सितंबर को बुलाया जाएगा.

तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने अपने अप्रत्याशित फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और इस पद पर तभी लौटेंगे जब जनता उन्हें आगामी दिल्ली विधानसभा के चुनाव में ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ दे देगी. उन्होंने दिल्ली में समय पूर्व चुनाव की भी मांग की.

शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रही थीं जिन्होंने 1998 से 2013 तक 15 साल तक पद संभाला. स्वराज ने 12 अक्टूबर 1998 से 52 दिनों तक दिल्ली की सत्ता संभाली थी.

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