Bangladesh Violence: दिल्ली में हसीना, ‘जीजा’ चलाएंगे बांग्लादेश, जानें कौन हैं आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है और अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी. बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सोमवार को यह घोषणा की.

By ArbindKumar Mishra | August 5, 2024 10:05 PM

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में उस समय स्थिति और खराब हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और जान बचाकर देश छोड़कर भागना पड़ा. हसीना के पद से इस्तीफा देने के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान सत्ता पर काबिज होंगे. सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी. बैठक में हालांकि हसीना की अवामी लीग पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था.

शेख हसीना के जीजा हैं सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान

सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के बारे में खबर है कि वो शेख हसीना के जीजा हैं. मुस्तफिजुर रहमान की बेटी बेगम साराहनाज कमालिका रहमान से जनरल वकार-उज-जमान ने शादी की है. मुस्तफिजुर रहमान शेख हसीना के चाचा थे, जो 24 दिसंबर 1997 से 23 दिसंबर 2000 तक बांग्लादेश के सेना अध्यक्ष रहे. इसी साल 23 जून को वकार-उज-जमान को सेना प्रमुख के पद पर बैठाया गया था.

छात्रों के प्रदर्शन को लेकर शेख हसीना और सेना के बीच बन गई थी टकराव की स्थिति

बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शन को लेकर शेख हसीना और सेना के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी. सभी जनरलों ने शेख हसीना के सेना उतारने के फैसले का विरोध किया था. पूर्व सेना अफसर भी सरकार के विरोध में उतरे. सेना ने सरकार से तुरंत पीछे हटने को कहा था. सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती से इनकार किया था.

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बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की बेटी हैं शेख हसीना

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं. उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था.

क्यों गुस्से में हैं बांग्लादेशी छात्र?

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्र विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वालों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. उसके बाद से 11 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हिंसा में अबतक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.

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