Kodikunnil Suresh: कौन हैं के सुरेश, जो स्पीकर चुनाव में ओम बिरला को देंगे चुनौती

Kodikunnil Suresh: लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है. विपक्ष की ओर से अपना उम्मीदवार उतारने से चुनाव काफी रोमांचक हो गया है. एनडीए ने ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो विपक्ष ने के सुरेश को मैदान में उतारा है.

By ArbindKumar Mishra | June 26, 2024 11:52 AM

Kodikunnil Suresh: लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाने की स्थिति में कांग्रेस सांसद कोडिकुनिल सुरेश ने मंगलवार को इस पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल कर दिया. पिछली लोकसभा में निचले सदन के अध्यक्ष रहे ओम बिरला ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है.

कौन हैं के सुरेश

कोडिकुनिल सुरेश केरल की मावेलिक्कारा लोकसभा सीट सांसद हैं. सुरेश 8 बार चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे हैं. 1989 में वो पहली बार चुनाव जीते थे और सांसद बने थे. यूपीए सरकार में वो मंत्री भी रहे. मनमोहन सरकार में के. सुरेश को केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बनाया गया था. वो 2012 से लेकर 2014 तक राज्य मंत्री रहे. 2018 में उन्हें केरल कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. के. सुरेश अबतक मावेलिक्कारा लोकसभा सीट से चार बार चुनाव जीते हैं और चार बार अदूर सीट से भी प्रतिनिधित्व किया है. हालांकि सुरेश को दो बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. 1998 और 2004 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

72 साल बाद होगा अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव

26 जून को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. 72 साल बाद ऐसा पहली बार होगा कि अध्यक्ष पद के चुनाव कराया जाएगा. आम तौर पर आपसी सहमति के आधार पर अध्यक्ष पद का चुनाव होता आया है. वहीं उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता रहा है.

तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा : राहुल गांधी

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन सकी. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टीआर बालू लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई. इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेंद्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा.

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