Terror Attack in Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर के एलओसी से सटे राजौरी जिले में कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह आतंकी विस्फोट में सेना के विशेष बल के पांच जवान शहीद हो गये जिसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. हमले में मेजर रैंक का एक अधिकारी भी घायल हुआ है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. इस हमले को लेकर शक की सुई Kotli (Occupied Kashmir) पर है यहां से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन यहां से आतंकी गतिविधियों को हैंडल करता है.
जम्मू और कश्मीर और साउथ ब्लॉक से उपलब्ध जानकारी के आधार पर हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर दी है. खबरों की मानें स्थानीय लोगों की मदद से हमले को अंजाम दिया गया होगा. रजौरी और पुंछ में आतंकियों के दो ग्रुप हो सकते हैं जो स्थानीय लोगों की मदद से सक्रिय हैं. ऐसा समझा जाता है कि दो-तीन पाकिस्तानी और तीन स्थानीय आतंकवादियों का एक ग्रुप 20 अप्रैल को भाटा-धुरियान इलाके में सेना के एक वाहन पर हुए हमले में शामिल था, जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गये थे. जबकि सेना की ओर से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन आतंकवादियों को भी क्षति पहुंची है.
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो कंडी जंगल में आतंकी हमले को सीमा पार से अंजाम दिया गया है. कोटली इलाके से इस अंतकी गतिविधि को अंजाम दिया गया है. इस हमले के पीछे लश्कर कमांडर हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट्ट उर्फ साजिद लंगड़ा के साथ जम्मू क्षेत्र के महोरे रियासी का रहने वाला रेयाज अहमद उर्फ कासिम शामिल है. इस हमले में रफीक नाई उर्फ सुल्तान का भी रोल हैं जो अभी पाकिस्तान में रह रहा है.
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पाकिस्तान के पंजाब में कसूर का रहने वाला साजिद जट्ट जम्मू-कश्मीर में लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर है जो यहां आतंकी हमले को अंजाम देने का काम कर रहा है. यही नहीं वह दक्षिण कश्मीर में भर्ती, हथियार, तस्करी और आतंकी गतिविधि के लिए पैसों का इंतजाम जैसे कामों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उसने एक कश्मीरी से शादी की है. जट कश्मीर में आतंकवादी कैडर के लिए जम्मू क्षेत्र में हथियार और गोला-बारूद गिराने में भी शामिल है. वह भारतीय सुरक्षा बलों पर राजौरी में किये गये हमले का मेन सस्पेक्ट है.