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जानें कौन हैं सुरेंद्रपाल सिंह टीटी, जिसे चुनाव जीतने से पहले ही बना दिया गया राजस्थान का मंत्री

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ दिलाई गई. कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए भाजपा की आलोचना की है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है.

राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद भजन लाल शर्मा कैबिनेट का विस्तार शनिवार को हुआ. जिसमें 12 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. भजन लाल शर्मा की टीम में ऐसे भी नेता को मंत्री बना दिया गया है, जिसने न तो अभी चुनाव लड़ा है और न ही उसे जीत मिली है. दरअसल सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ दिलाई गई. टीटी अभी चुनाव भी नहीं लड़े हैं. अब इस बात को लेकर कांग्रेस हमलावर हो रही है.

5 जनवरी को करणपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं सुरेंद्रपाल सिंह टीटी

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को शनिवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किया. इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान होना है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों और सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.

गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण करणपुर गंगानगर सीट पर स्थगित कर दिया गया था चुनाव

राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ. इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया. करणपुर गंगानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा. वोटों की गिनती आठ जनवरी को होगी. इस सीट पर भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 249 मतदान केंद्र हैं. छह दिसंबर तक यहां 2 लाख 40826 मतदाता थे.

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कांग्रेस ने सुरेंद्रपाल सिंह को मंत्री बनाए जाने की आलोचना की

कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए भाजपा की आलोचना की है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है. गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, करणपुर में 5 जनवरी को होने वाले मतदान की आचार संहिता के प्रभावी होने के बावजूद वहां से भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है. निर्वाचन आयोग को इस पर संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए.

सचिन पायलट ने भी बीजेपी की आलोचना की

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, मगर भाजपा ने आचार संहिता के बीच अपने प्रत्याशी को मंत्री पद देकर करणपुर के मतदाताओं को प्रलोभन देने जैसा काम किया है. करणपुर की स्वाभिमानी जनता इस अलोकतांत्रिक और अमर्यादित कदम के पीछे की राजनीति को समझ रही है. निर्वाचन आयोग को इस मामले का संज्ञान लेकर, उचित कार्रवाई करनी चाहिये.

बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर ने किया पार्टी के फैसले का बचाव

बीजेपी की ओर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने अपनी पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि टीटी की राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही है. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, संविधान के अनुच्छेद 164 (4) में निहित प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना निर्वाचित हुए 6 माह तक मंत्री पद धारण करने का अधिकार है. इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर महामहिम राज्यपाल द्वारा किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. उसके बाद 6 महीने के अंदर उसे विधानमंडल का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है.

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