नयी दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए भारत में विकसित स्वदेशी कोवैक्सीन को अब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता मिलने का इंतजार है. कई कंपनियां डेंगू का वैक्सीन विकसित करने में लगी हुई हैं. इनमें से कुछ का पहले चरण का ट्रायल चल रहा है. चूंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, इसलिए त्योहारों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और आईसीएमआर के डीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लोगों को सावधान किया.
आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि भारत में विकसित पहले वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मान्यता अब तक नहीं मिली है. किसी भी वैक्सीन की मान्यता के लिए जितने आंकड़ों की जरूरत होती है, आईसीएमआर (ICMR) ने उन्हें उपलब्ध करा दी है. अब डब्ल्यूएचओ जल्द ही कोवैक्सीन को मान्यता देने पर अंतिम फैसला लेगा. ये बातें आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव (ICMR DG Dr Balram Bhargava) ने कही है. उन्होंने भारत में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Doze) के बारे में भी अपनी राय स्पष्ट की.
Dengue vaccine is an important agenda. There are certain dengue strains which have been licensed to some companies in India. Many of these companies have done their phase one trials abroad. We are planning to do more rigourous trials: ICMR DG Dr. Balram Bhargava pic.twitter.com/Y0jRYuXNSV
— ANI (@ANI) September 30, 2021
डॉ भार्गव ने गुरुवार को कहा कि इस वक्त सरकार का पूरा फोकस पूरे देश का टीकाकरण करना है. सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज देना पहली प्राथमिकता है. इस वक्त बूस्टर डोज के बारे में बात करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि डेंगू का टीका एक अहम मुद्दा है. देश में कई कंपनियों को इसका टीका बनाने का लाइसेंस दिया गया है. कई कंपनियों ने पहले चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है. डॉ भार्गव ने कहा कि हम चाहते हैं कि इसका सघन ट्रायल हो.
Also Read: कोरोना से जंग: भारत में टेस्टिंग से ज्यादा वैक्सीनेशन, अब तक 73.06 करोड़ लोगों का हुआ टीकाकरण
आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आयी है, लेकिन इसके प्रति हम लापरवाह नहीं हो सकते. त्योहारों का सीजन आ रहा है. हमें सीमित दायरे में ही त्योहारों को मनाना होगा. बहुत जरूरी नहीं हो, तो यात्रा को भी टाल देना चाहिए.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लोगों से अपील की कि त्योहारों के मौसम में भीड़ में जाने से बचें. फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन करें. सभी लोग फेस मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. कोरोना से बचने के लिए जारी गाइडाइन का पालन करते हुए ही किसी भी उत्सव में शामिल हों. उन्होंने कहा कि कोरोना अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. 18 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी है.
राजेश भूषण ने केरल में कोरोना संक्रमण के बारे में भी जानकारी दी. कहा कि कुल नंबर की बात करें, तो यह घट रहा है, लेकिन अभी भी देश के कुल संक्रमण में इसका योगदान सबसे ज्यादा है. दूसरी तरफ, पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं. रिकवरी रेट बढ़ रहा है. हमारे देश में 98 फीसदी लोग कोरोना संक्रमण को मात दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि केरल में सबसे ज्यादा 1,44,000 कोरोना के एक्टिव केस हैं. यह पूरे देश में जितने मामले हैं, उसका 52 फीसदी है. महाराष्ट्र में 40 हजार, तमिलनाडु में 17 हजार, मिजोरम में 16,800, कर्नाटक में 12 हजार और आंध्रप्रदेश में 11 हजार से कुछ ज्यादा मामले सक्रिय हैं.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 88.34 करोड़ वैक्सीन की खुराकें लगायी जा चुकीं हैं. पिछले 24 घंटे में पूरे देश में 23,529 नये मामले सामने आये. भारत में वर्तमान में 2,77,020 सक्रिय मामले हैं, जो 195 दिन का सबसे कम है. सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 प्रतिशत से कम (0.82 प्रतिशत) हैं. यह मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है.
As festivals are approaching, we appeal to all to avoid crowds, maintain physical distancing and use face mask. Celebrate festivals maintaining COVID19 appropriate behaviour: Union Health Secretary Rajesh Bhushan pic.twitter.com/ExdKdw4lcf
— ANI (@ANI) September 30, 2021
वर्तमान में रिकवरी दर 97.85 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है. पिछले 24 घंटों के दौरान 28,718 रोगी स्वस्थ हुए. देश भर में अभी तक कुल 3,30,14,898 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर वर्तमान में 1.74 प्रतिशत है. यह दर 97 दिनों से 3 प्रतिशत से कम पर बना हुआ है. देश में दैनिक पॉजिटिविटी दर 1.56 प्रतिशत है. अब तक कुल 56.89 करोड़ सैंपल की जांच की जा चुकी है.
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.