नई दिल्ली : भारत समेत दुनिया भर में फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर आगाह किया है कि इससे वायरस का नया वेरिएंट पैदा हो सकता है. यह बात दीगर है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट शुरुआती आशंकाओं से कम गंभीर नजर आ रहा है और इससे संक्रमित चार-दिनों में ठीक हो जा रहे हैं. इसके साथ ही, इससे महामारी से जल्द ही उबरकर सामान्य स्थिति में लौटने की उम्मीद भी जगी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना के नए वेरिएंट की बढ़ती संक्रमण दर का उल्टा असर भी पड़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट जितना अधिक फैलता है, वह उतना ही ज्यादा ट्रांसमिट होता है.
कैथरीन स्मॉलवुड ने आगे कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट फैलने के साथ ही ज्यादा रिप्लिकेट होता है और उतनी ही अधिक संभावना यह भी रहती है कि यह एक नया वेरिएंट उत्पन्न कर सकता है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन अब जानलेवा साबित हो रहा है. यह मौत का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले थोड़ा कमजोर है, लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि वायरस का अगला वेरिएंट क्या कर सकता है.
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बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक यूरोप में 10 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 2021 के आखिरी हफ्ते में मामलों की संख्या 50 लाख से ज्यादा हो गई. स्मॉलवुड ने कहा कि हमने अतीत में जो देखा है, वह अभी के मुकाबले कमतर था. उन्होंने कहा कि हम अभी खतरनाक फेज में हैं, हम देख रहे हैं कि पश्चिमी यूरोप में संक्रमण दर काफी तेजी से बढ़ रही है और इसका पूरा प्रभाव अभी तक साफ नहीं हुआ है.