नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर रोज किसी-ना-किसी कार्यक्रम में व्यस्त रहते हैं. कभी रक्षा तो कभी शिक्षा, कभी स्वास्थ्य तो कभी वित्त, कभी बजट तो कभी वेबिनार को संबोधित करते रहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक रैलियों, योजना, उद्घाटन, कार्यक्रम समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेते रहते हैं. सभी कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण-वक्तव्य भी देते हैं.
प्रधानमंत्री के व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद उनके इतने भाषणों को कौन लिखता है? भाषणों को तैयार करने में कितने लोग शामिल हैं. कितने लोगों को कितना पैसा मिलता है?
इस संबंध में इंडिया टूडे टीवी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआई के तहत सूचना मांगी कि भाषणों के लिए कितनी राशि खर्च की जाती है? भाषणों को अंतिम रूप देने में प्रधानमंत्री कितना खर्च करते हैं?
आरटीआई के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गयी जानकारी के संबंध में बताया गया कि विभिन्न स्रोतों से इनपुट प्राप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषणों को अंतिम रूप देते हैं.
साथ ही बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से ही प्रधानमंत्री के प्रत्येक भाषण के लिए पार्टी यूनिट्स, मंत्रालयों, संबंधित विषय के विशेषज्ञ और प्रधानमंत्री की निजी टीम भाषणों के लिए इनपुट जुटाती रही हैं. यह सिलसिला अब भी जारी है.
कहा जाता है कि नेहरू अपने भाषण लिखने में काफी समय देते थे. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निजी रूप से भाषण को अंतिम रूप देने के लिए कितना समय देते हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है.