GNCTD Amendment Act -2021 : दिल्ली में विधायी और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर उपराज्यपाल की शक्तियों में वृद्धि के लिए संसद से पारित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) कानून-2021 (GNCTD Amendment Act -2021) अधिसूचित कर दिया गया है. बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह कानून मंगलवार यानी 27 अप्रैल से ही लागू हो गया है. इसके लागू होने के साथ अब दिल्ली में सरकार का अर्थ उपराज्यपाल है. इसका सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि दिल्ली में अब किसकी चलेगी, उपराज्यपाल या फिर वहां की निर्वाचित सरकार की? आइए, 5 प्वाइंट्स में जानते हैं कि क्या है इस कानून की परिभाषा?
बिल में प्रावधान है कि विधानसभा द्वारा बनाए किसी भी कानून में ‘सरकार’ शब्द का अर्थ उपराज्यपाल (एलजी) होगा.
एक्ट विधानसभा को इस बात की अनुमति देता है कि वह विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन को रेगुलेट करने के लिए नियम बना सकती है. बिल में प्रावधान किया गया है कि ये नियम लोकसभा की कार्य प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के अनुरूप होने चाहिए.
बिल कहता है कि दिल्ली एनसीटी के रोजमर्रा के प्रशासन से संबंधित मामलों पर विचार करने और प्रशासनिक निर्णयों के संबंध में किसी जांच के लिए विधानसभा न तो खुद को सशक्त करने का कोई नियम बना सकती है और न ही किसी कमिटी को नियम बनाने का अधिकार दे सकती है. इसके अतिरिक्त बिल में प्रावधान है कि इस कानून के लागू होने से पहले बनाए गए सभी नियम अमान्य होंगे.
एक्ट में एलजी से अपेक्षित है कि वह विधानसभा द्वारा पारित कुछ बिल्स को राष्ट्रपति के विचार के लिए रिजर्व कर लेगा. जैसे जो बिल्स दिल्ली उच्च न्यायालय की शक्तियों को कम करते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति रिजर्व करने का निर्देश दें, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों तथा मंत्रियों के वेतन और भत्तों से संबंधित बिल या विधानसभा या दिल्ली एनसीटी की आधिकारिक भाषा से संबंधित बिल. बिल में एलजी से अपेक्षित है कि वह उन बिलों को भी राष्ट्रपति के लिए रिजर्व करेगा, जो विधानभा की शक्तियों के दायरे से बाहर आने वाले मामलों से संबंधित हों.
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Posted by : Vishwat Sen