ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव (Greater Hyderabad Municipal Corporation election) में भाग्यलक्ष्मी मंदिर (Bhagyalakshmi temple) चर्चा का केंद्र रहा. चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना की. यह मंदिर पुराने शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है. भाग्यलक्ष्मी मंदिर भी अयोध्या राम मंदिर की ही तरह भूमि विवाद का केंद्र रहा है. दरअसल मंदिर चारमीनार से सटा हुआ है.
मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता रहा है कि पहले मंदिर का निर्माण किया गया था और बाद में चारमीनार संपत्ति पर ही अतिक्रमण कर लिया गया. मंदिर का गर्भ गृह की दीवार चारमीनार की ही दीवार है. हिन्दू लोग दावा करते हैं कि यह मंदिर चारमीनार जितना ही पुराना है. मंदिर के आस-पास मुस्लीम आबादी होने के कारण एक समय सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील समझा जाता था.
इस तरह चर्चा में आया भाग्यलक्ष्मी मंदिर
दरअसल चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को वर्षा प्रभावित लोगों से 10,000 रुपये की राहत राशि के लिए आवेदन लेना बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न पोस्ट में दावा किया गया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी संजय कुमार के पत्र के बाद आयोग ने सहायता रोकने का आदेश दिया. बाद में कुमार ने चुनौती दी थी कि मुख्यमंत्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर आएं. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देवी के नाम पर शपथ लेने को तैयार हैं. इसके बाद भाजपा नेता मंदिर भी गए.
चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान देकर इसको और चर्चा में ला दिया. योगी ने हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की चर्चा छेड़ दी, जो लंबे समय से भाजपा नेताओं की मांग रही है. योगी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा, कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या हम हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर सकते हैं? मैंने कहा, क्यों नहीं.
योगी के बयान और शाह के पहुंचकर पूजा करने के बाद भाग्यलक्ष्मी मंदिर और भाग्यनगर के इतिहास के बारे में खोज होने लगी. अब सवाल उठता है कि क्या हैदराबाद का नाम कभी भाग्यनगर था? क्या इतिहास में भाग्यनगर का कोई जिक्र है ? अगर भाग्यनगर था तो हैदराबाद का नाम कैसे पड़ा? ऐसे कई सवाल लोगों के मन उठ रहे हैं. तो आइये हम जानते हैं इसके इतिहास के बारे में.
एक कहानी के अनुसार और कुछ इतिहासकारों के अनुसार भाग्यवती नाम की एक नृत्यांगना थी, जो कुतुब शाह की प्रेमिका थी और उन्होंने भाग्यवती के नाम पर ही शहर का नाम भाग्यनगर दिया था. कुतुब शाह ने ही हैदराबाद शहर को बसाया था. ऐसी मान्यता है कि भाग्यनगर को ही बाद में हैदराबाद नाम मिला.
मंदिर को लेकर लंबे समय से है विवाद
भाग्यलक्ष्मी मंदिर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. हिंदू और मुस्लीमों के बीच यह विवाद का केंद्र रहा है. 2012 में मंदिर में कुछ निर्माण कार्य को लेकर विवाद गहरा गया था, बाद में हाईकोर्ट ने मंदिर में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया.
Posted By – Arbind Kumar Mishra