राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में धमाकेदार जीत दर्ज कर सत्ता पर कब्जा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को श्रीकरणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. चुनाव लड़ने से पहले ही मंत्री बनाए गए बीजेपी नेता सुरेंद्रपाल सिंह टीटी चुनाव हार गए. उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर ने टीटी को 11283 वोटों से हराकर श्रीकरणपुर विधानसभा सीट जीत ली.
चुनाव से पहले ही भजनलाल सरकार में मंत्री बनाए गए थे टीटी
बीजेपी ने श्रीकरणपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले टीटी को न केवल मंत्री बनाया बल्कि उन्हें विभाग भी आवंटित कर दिए थे. सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल किया था. उन्हें कृषि विपणन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग तथा अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग दिया गया था, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था. कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित किया गया था. विजेता रुपिंदर, गुरमीत सिंह के बेटे हैं. यहां पांच जनवरी को मतदान हुआ था जिसकी गिनती सोमवार को हुई.
टीटी को 83,667 वोट मिले
चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह को 94,950 वोट मिले जबकि टीटी को 83,667 वोट मिले. तीसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी प्रत्याशी पिरथीपाल सिंह को 11940 वोट मिले. इस जीत के साथ ही राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ कर 70 हो गई है. प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के 115 विधायक हैं.
टीटी की लगातार दूसरी हार
श्रीकरणपुर सीट से सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी पहली बार नहीं हारे हैं. बल्कि इस सीट पर उनकी लगातार दूसरी हार है. 2018 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. उस समय टीटी तीसरे स्थान पर रहे थे.
बीजेपी की हार के पीछे सहानुभूति बड़ी वजह
श्रीकरणपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार टीटी की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह, वहीं के वोटरों की सहानुभूति को बताया जा रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित किया गया था. कांग्रेस ने उनके बेटेरुपिंदर को मैदान पर उतारा और यहीं पर बीजेपी को करारी मात मिली. वोटरों की सहानुभूति का लाभ कांग्रेस उम्मीदवार को मिल गया.
किसान आंदोलन ने भी बीजेपी की हार में निभाई बड़ी भूमिका
किसान आंदोलन की वजह से भी श्रीकरणपुर सीट पर बीजेपी को हार मिली. करणपुर भले ही राजस्थान में आता है, लेकिन यहां पूरी तरह से पंजाब का असर दिखता है. रहन-सहन से लेकर भाषा तक पंजाब की है. यहां के लोगों में भी किसान आंदोलन का पूरा असर है. बीजेपी को इसका भी नुकसान उठाना पड़ा.
संदीप दायमा के बयान ने भी बीजेपी का खेल बिगाड़ा
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेता संदीप दायमा ने जो बयान दिया था, उसने भी बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया. दरअसल दायमा ने तिजारा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मस्जिद और गुरुद्वारों को तोड़ने की बात कही थी. हालांकि बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता तो दिखा दिया, लेकिन उनकी बातों का असर वोटरों पर पड़ गया.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस हार पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इलाके की जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है. गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘करणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है. चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है.