अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने क्यों नहीं शुरू की चर्चा ?
संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार नजर आ रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद मंगलवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर शुरू होने वाली चर्चा करने वाले थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जानें वजह
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो चुकी है. पहले खबर थी कि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 12 बजे से चर्चा शुरू होनी थी. इस वक्त तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद नहीं पहुंचे. इसको लेकर बीजेपी सांसद सवाल भी उठाते नजर आये जिसके बाद लोकसभा में थोड़ी देर के लिए हंगामा हुआ.
#UPDATE | Not Rahul Gandhi but Gaurav Gogoi will initiate the discussion from Congress, on No Confidence Motion in Lok Sabha: Sources
— ANI (@ANI) August 8, 2023
बीजेपी सांसदों का हंगामा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जगह जब गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की तो बीजेपी के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बीजेपी सांसद पूछने लगे की जब राहुल गांधी इस पर चर्चा करने के लिए आने वाले थे तो अब अचानक बदलाव क्यों ? गौरव गोगोई को आगे क्यों किया जा रहा है.
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अविश्वास प्रस्ताव पर गौरव गोगोई ने चर्चा शुरू की
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की. उन्होंने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं. यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था. मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है. I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है. मणिपुर न्याय चाहता है.
इससे पहले आज सुबह खबर आयी थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं. कांग्रेस में सूत्रों के हवाले से मीडिया में यह खबर चल रही थी. बताया जा रहा था कि राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करेंगे जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले गौरव गोगोई समेत अन्य नेता बाद में चर्चा में भाग लेंगे लेकिन लोकसभा में नजारा अलग ही नजर आया. गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरूआत की. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को चर्चा पर जवाब दे सकते हैं.
कौन हैं गौरव गोगोई ?
लोकसभा में मणिपुर मामले को लेकर चर्चा हो रही है. चर्चा की शुरूआत गौरव गोगोई ने की. आइए आपको उनके बारे में बताते हैं कि आखिर वे हैं कौन ? गौरव गोगोई असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र हैं. जानकारों की मानें तो वे पूर्वोतर राज्य से आते हैं. यही वजह रही होगी कि कांग्रेस ने उन्हें चर्चा की शुरुआत के लिए बुलाया.
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गौरव गोगोई क्या बोले लोकसभा में
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर में हुई हिंसा पर केंद्र सरकार को खरी-खोटी सुनाई और ‘डबल इंजन’ सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके. उन्होंने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बहस में यह सवाल भी उठाया कि प्रधानमंत्री क्यों मणिपुर का दौरा नहीं करते और मणिपुर के मुख्यमंत्री को पद पर रखते हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को बचाने के लिए ‘मौनव्रत’ रखते हैं और अपनी सरकार की विफलताओं को छिपाने का प्रयास करते हैं. गोगोई ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि मैं I-N-D-I-A गठबंधन के दलों को इस प्रस्ताव का आभार प्रकट करता हूं. उन्होंने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के लोगों के लिए न्याय की मांग के लिए है.
गोगोई ने कहा कि मणिपुर इंसाफ मांगता है, खासकर मणिपुर के युवा और महिलाएं. उन्होंने दावा किया कि अगर मणिपुर में आग लगी है, तो इसका मतलब भारत जल रहा है, क्योंकि वे दोनों जुड़े हुए हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी मांग थी कि देश के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री बयान दें और यहां सदेश दिया जाए कि दुख की घड़ी में हम मणिपुर में उनके साथ थे.प्रधानमंत्री ने मौन व्रत लिया। इसलिए हम इस अविश्वास प्रस्ताव लाए क्योंकि हम प्रधानमंत्री का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं. गोगोई ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? उन्हें मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लगे? जब बोले तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए बोले. उन्होंने आरोप लगाया कि आज तक प्रधानमंत्री की तरफ से संवेदना का कोई शब्द नहीं है, न शांति की गुहार लगाई.
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने आज तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया? गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा में चुनाव आने से पहले मुख्यमंत्री बदल दिया. मणिपुर के मुख्यमंत्री को ऐसा क्या आशीर्वाद दे रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी को कबूल करना होगा कि मणिपुर में ‘डबल इंजन’ की सरकार विफल हो चुकी है.