Loading election data...

Explainer: ‘बैस्टिल डे परेड’ भारत के लिए क्यों है खास? 10 पॉइंट्स में जानें पूरा इतिहास

14 जुलाई को फ्रांस में होने वाली 'बैस्टिल डे परेड' इस साल भारत के लिए बेहद खास है. 14 जुलाई 1880 में पेरिस में पहली बार बैस्टिल सैन्य परेड का आयोजन किया गया था. इस साल 'बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे.

By Abhishek Anand | July 13, 2023 1:06 PM
an image

पीएम मोदी फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए हैं. जहा वे 14 जुलाई को बैस्टिल डे परेड में बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. फ्रांस में बैस्टिल डे को ‘फेटे नेशनले फ्रांसेइस’ या राष्‍ट्रीय दिवस के तौर पर भी जाना जाता है. 14 जुलाई 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल के किले पर हमला हुआ था. बैस्टिल डे को उस हमले की याद के तौर पर मनाया जाता है. इस बार बैस्टिल डे के मौके पर सेना की परेड में भारतीय सेनाओं के तीनो विंग की 269 सैनिकों वाली टुकड़ी फ्रांस की सेनाओं के साथ मार्च करते हुए दिखाई देगी. भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच प्रथम विश्व युद्ध से ही आपसी संपर्क जारी है. इस युद्ध में लाखों भारतीय सैनिकों ने हिस्‍सा लिया था. इनमें से करीब 74,000 सैनिकों ने कीचड़ भरी खाइयों में लड़ाई लड़ी थी.

‘बैस्टिल डे परेड’ के 10 प्रमुख पॉइंट्स  

  1. फ्रांस में बैस्टिल डे को ‘फेटे नेशनले फ्रांसेइस’ या राष्‍ट्रीय दिवस के तौर पर भी जाना जाता है. 14 जुलाई 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल के किले पर हमला हुआ था.

  2. बैस्टिल डे को बैस्टिल के किले में हमले की याद के तौर पर मनाया जाता है.

  3. इस बार बैस्टिल डे के मौके पर सेना की परेड में भारतीय सेनाओं के तीनो विंग शामिल होंगी. भारतीय सेनाओं के तीनो विंग की 269 सैनिकों वाली टुकड़ी फ्रांस की सेनाओं के साथ मार्च करते हुए दिखाई देगी.

  4. भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच प्रथम विश्व युद्ध से ही आपसी संपर्क जारी है.

  5. 14 जुलाई, साल 1880 में पेरिस में पहली बार बैस्टिल सैन्य परेड का आयोजन किया गया था.

  6. हर साल फ्रांस में बैस्टिल सैन्य परेड का आयोजन किया जाता है.

  7. बैस्टिल सैन्य परेड में राष्ट्रपति समेत सभी गणमान्य लोग वहां उपस्थित रहते हैं.

  8. परेड में करीब साढ़े 9 हजार सैनिक शामिल होते हैं. जिनमें 7800 सैनिक पैदल तो बाकी सैनिक गाड़ी, घोड़ों या सैन्य विमानों में सवार होकर परेड में शामिल होते हैं.

  9. साल 1880 के बाद से लगातार चल रही बैस्टिल दिवस सैन्य परेड का आयोजन आज तक तक सिर्फ दो बार नहीं हो पाया है पहली बार साल 1940-1944 के दौरान वर्ल्ड वार 2 की वजह से इस परेड का आयोजन नहीं हो पाया था.

  10. वहीं दूसरी बार, साल 2020 में कोरोना वायरस की वजह से परेड कैंसिल कर दी गई थी.

पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे

पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे. इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है. इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामारिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी. इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं. बैस्टिल दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर बृहस्पतिवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी. इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम तीन राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा उनकी ये यात्रा कई मायनों में खास 

वहीं फ्रांस रवाना होने से पहले अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी यह यात्रा इस मायने में खास है कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह फ्रांस की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने कहा कि बैस्टिल दिवस समारोह में भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है और भारतीय वायु सेना के विमान भी इसमें शामिल होंगे. प्रधानमंत्री ने दोनों देशों की सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी जड़े गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता में निहित है और दोनों देश रक्षा, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था निवेश शिक्षा, संस्कृति, लोगों के बीच सम्पर्क, असैन्य परमाणु क्षेत्र, अंतरिक्ष जैसे विविध क्षेत्रों में करीबी सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ मैं इस दीर्घकालिक और 25 वर्षों में समय की कसौटी पर खरे उतरे इस संबंध को और आगे ले जाने को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करने और विभिन्न विषयों पर चर्चा करने को आशान्वित हूं.’’

Exit mobile version