Pravasi Bharatiya Divas: महात्मा गांधी से जुड़ा है प्रवासी भारतीय दिवस, जानें इतिहास और उद्देश्य
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी. 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी. सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस 2003 में मनाया गया था.
9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. इस दिन उन सभी प्रवासी भारतीयों को सम्मान दिया जाता है, जो विदेशों में रहकर भारत का मान सम्मान बढ़ा रहे हैं. उनकी उपलब्धियों को इस दिन सम्मान दिया जाता है, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है. तो आइये सबसे पहले जानें कि प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है.
प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है?
प्रवासी भारतीय दिवस का संबंध महात्मा गांधी से है. दरअसल 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे और देश में स्वतंत्रता आंदोलन की बिगुल फूंकी थी. महात्मा गांधी के आगमन और स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत करने की याद में हर साल इस दिन प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है.
क्या है प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी. 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी. सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस 2003 में मनाया गया था.
48 देशों में फैले हैं प्रवासी भारतीय, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम योगदान
एक आंकड़े के अनुसार करीब 48 देशों में प्रवासी भारतीय फैले हैं. जिनकी जनसंख्या करीब 2 करोड़ है. भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रवासी भारतीयों की बड़ी भूमिका है. विदेश में कमाई करके अपने देश में धन भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी सबसे आगे हैं. विश्व बैंक के अनुसार 2020 में जब दुनिया कोरोना की मार से कराह रहा था, उस समय भारत को 83 अरब डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ था. 2021 में यह राशि बढ़कर 87 अरब डॉलर हो गई.
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के पीछे क्या है उद्देश्य
-
विदेशों में खास उपलब्धियां हासिल करने वाले भारतीयों का सम्मानित करना.
-
प्रवासी भारतीय और देशवासियों के बीच नेटवर्क बनाने के लिए एक मंच तैयार करना.
-
देश के युवाओं को विदेश में रह रहे भारतीय से जोड़ा जा सके.
-
इस दिन को मनाने के पीछे एक बढ़ा उद्देश्य है कि विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाए.