यदि आप फास्ट फूड के शौकीन है और गोवा के टूर पर जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए खास है. जी हां..गोभी मंचूरियन पर गोवा में महाभारत छिड़ गया है. बात यहां तक आ गई है कि मापुसा में इसे बैन तक करने का फैसला ले लिया गया. खबरों की मानें तो इसकी वजह साफ-सफाई से लेकर सिंथैटिक कलर के इस्तेमाल जैसी कई चीजें हो सकती हैं. हालांकि, गोवा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी इस तरह की चीजें देखने को मिल चुकी है.
गोभी मंचूरियन पर बैन क्यों
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, गोवा के मापुसा में गोभी मंचूरियन को स्टॉल और कार्यक्रमों में बैन किया गया है. पार्षद तारक अरोलकर कुछ दिन पहले एक मंदिर के कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा था कि गोभी मंचूरियन पर बैन लगाने की जरूरत है. फ्यूजन डिश के खिलाफ उठाई गई इस मांग पर पूरे परिषद की ओर से भी सहमति दी गई थी. आपको बता दें कि परिषद गोबी मंचूरियन को दुश्मन नंबर वन घोषित करने वाली गोवा की पहली सार्वजनिक संस्था नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि, समुद्र तटीय राज्य गोवा में इस व्यंजन के प्रति व्यापक विरोध हुआ जिससे इसे पसंद करने वाले चौंक गये.
साल 2022 में भी सुनने को मिली थी चर्चा
यदि आपको याद हो तो साल 2022 में भी इस तरह की चर्चा सुनने को मिली थी जब श्री दामोदर मंदिर के वास्को सप्त मेले में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मोरमुगाओ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को गोभी मंचूरियन बेचने पर रोक लगाने के लिए कहा था. FDA की ओर से गोवा के कई मेलों में लगाए गए स्टाल्स पर साफ सफाई के मुद्दों को लेकर छापेमारी भी करने का काम किया गया था.
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MMC अध्यक्ष प्रिया मिशाल ने क्या कहा
मीडिया में इस बाबत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमें MMC अध्यक्ष प्रिया मिशाल का जिक्र है. उनका कहना है कि, पार्षदों का मानना था कि वेंडर्स स्वच्छ स्थिति में काम नहीं करते हैं और गोभी मंचूरियन बनाने के लिए सिंथैटिक रंगों का यूज किया जाता है. यही वजह है कि इस डिश को बैन करने की बात की गई. स्टॉल की अनुमति लेने आए वेंडर्स को गोभी मंचूरियन बेचने से मना किया गया था.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.