परिवार में कलह कितना भी हो, लेकिन मायके में बैठी उस महिला की हालत की सोचिए, जो व्हाट्स एप कॉल पर देखती ही रह गई उसके सामने ही पति ने फांसी लगाकर जान दे दी. पत्नी ने ससुराल में किरायेदार को फोन किया, वे पहुंचे भी लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी. दिल्ली के हर्ष विहार इलाके में ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने आई.
पुलिस के मुताबिक फांसी लगाने वाला 32 वर्षीय नरेंद्र सिंह उर्फ नंदू परिवार के साथ गली नंबर-12, मंडोली एक्सटेंशन में रहता था. परिवार में दिल्ली पुलिस के एसआई पद से रिटायर पिता भूरे सिंह व अन्य सदस्य हैं. नरेंद्र निजी कंपनी में नौकरी करता था. करीब तीन साल पूर्व नरेंद्र की शादी हापुड़ निवासी दीपा रानी से हुई थी. उनकी डेढ़ साल और 28 दिन की दो बेटियां हैं. शादी के कुछ दिनों बाद से ही नरेंद्र और दीपा में अनबन रहने लगी.
दीपा अक्सर अपने मायके चली जाती थी. वहां उसके मायके वाले भी नरेंद्र पर दबाव बनाते थे. भूरे सिंह ने बताया कि इससे उनका बेटा बुरी तरह परेशान हो चुका था. अभी भी दीपा झगड़ा करके मायके में ही है. नरेंद्र ने गत रात करीब 11 बजे दीपा को वीडियो कॉल किया. बातचीत के दौरान उसने फांसी लगाने की बात कही और हैरान पत्नी के मना करती रह गई लेकिन उसने पंखे से फांसी लगाना शुरू कर दिया.
बदहवास दीपा ने ससुराल में रहने वाले किराएदार को फोन पर जानकारी दी और घरवालों बताने व नरेंद्र को बचाने के लिए कहा. जब तक किराएदार पहुंचे तब तक नरेंद्र की फंदे पर ही मौत हो चुकी थी. किराएदारों ने इसकी सूचना परिवार को दी.
सूचना पर आई पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. शव के पास से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद नरेंद्र का शव परिवार को सौंप और उसका मोबाइल कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. नरेंद्र के बुजुर्ग पिता ने बेटे के आत्महत्या के लिए पत्नी व उसके परिवार वालों को दोषी ठहराया है. पुलिस परिजनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है.
Posted By : Amitabh Kumar