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Wildlife:वन्यजीव संरक्षण के लिए तकनीक के व्यापक प्रयोग को बढ़ावा दे रही है सरकार

वन्यजीवों के लिए केंद्र प्रायोजित वन्यजीव समग्र विकास योजना को मंजूरी दी गयी. यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान लागू रहेगी और इसके लिए 2602.98 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस योजना के तहत प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफैंट और वन्य जीव के रहने के रिहाईश का समग्र विकास करना है.

Wildlife: देश में वन्यजीव संरक्षण को लेकर सरकार कई स्तरों पर काम कर रही है. इस महीने हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वन्यजीवों के लिए केंद्र प्रायोजित वन्यजीव समग्र विकास योजना को मंजूरी दी गयी. यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान लागू रहेगी और इसके लिए 2602.98 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस योजना के तहत प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफैंट और वन्य जीव के रहने के रिहाईश का समग्र विकास करना है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों के एजेंडे में इस योजना को प्राथमिकता दी गयी है. सरकार की कार्ययोजना के अनुसार मौजूदा मौलिक सुविधाओं को बेहतर करने के साथ तकनीक का प्रयोग कर वन्य जीव संरक्षण को आगे बढ़ाना है.

प्रोजेक्ट टाइगर के तहत रोजाना के प्रबंधन में पहले से तकनीक का प्रयोग हो रहा है. इसके मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर टाइगर्स, इंटेंसिव प्रोटेक्शन एंड इकोलॉजिकल स्टेटस मोबाइल एप का प्रयोग हो रहा है. इस एप को डिजिटल इंडिया पहल के साथ जोड़ा गया है. देश में टाइगर के संख्या के पता लगाने में इसका उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैप भी लगाया गया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग हो रहा है. टाइगर संरक्षण के लिए एसओपी तैयार किया है. प्रोजेक्ट टाइगर के तहत प्रोजेक्ट चीता भी शुरू किया है और चीता एक्शन प्लान के तहत इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का काम किया जा रहा है.

 
अन्य वन्य जीव के संरक्षण पर भी फोकस 


वन्य जीव संरक्षण के तहत प्रोजेक्ट डॉल्फिन चलाया जा रहा है. डॉल्फिन की संख्या का पता लगाने के लिए रिमोट से चलने वाले व्हीकल और मॉनिटरिंग डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है. प्रोजेक्ट लायन पर भी काम चल रहा है. मानव और हाथी के बीच आये दिन संघर्ष की खबरें आती रहती है. ऐसे में प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत सूचना और संचार तकनीक का प्रयोग अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया जा रहा है और आने वाले समय में इसे व्यापक पैमाने पर लागू करने की योजना है. मौजूदा समय में देश में 55 टाइगर रिजर्व, 33 एलीफैंट रिजर्व और 718 प्रोटेक्टेड क्षेत्र है.

यह क्षेत्र पर्यावरण बदलाव को रोकने में अहम रोल अदा करते हैं. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में प्रोजेक्ट टाइगर के लिए 365 करोड़ रुपये, प्रोजेक्ट एलीफैंट के लिए 40 करोड़ रुपये और वन्यजीव क्षेत्र के लिए विकास के लिए 195 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए प्रोजेक्ट टाइगर के लिए 365 करोड़ रुपये, प्रोजेक्ट एलीफैंट के लिए 40.12 करोड़ रुपये और वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र के लिए 183.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. 

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