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क्या जरूरी है कोरोना टीके की चौथी खुराक! जानिए दुनिया में बढ़ते कोरोना के बीच विशेषज्ञों का जवाब

वर्तमान में जो भी टीके हैं वे वायरस उनके ऊपर पलायन म्यूटेंट बनाता है जो संक्रमण का कारण बनता है. अगर किसी व्यक्ति ने कोरोना टीके की तीसरी खुराक ली है, तो इसका मतलब है कि उसकी टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तीन बार प्रशिक्षित किया गया है.

By Agency | January 25, 2023 12:02 PM

भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन कोविड का खतरा टला नहीं है. खासकर तब जब दुनिया के कई देशों में इसके लगातार बढ़ने की खबरें आ रही हो. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत के लोगों को टीके की चौथी डोज लेने की जरूरत है. वहीं, इस सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर का कहना है कि कोरोना वायरस और उसके वेरिएंट के बारे में मौजूद सबूतों को देखते हुए कोरोना रोधी टीके की चौथे डोज की जरूरत नहीं है.

चौथी वैक्सीन की जरूरत नहीं: पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि वायरस के वेरिएंट को देखते यह इतना बड़ा नहीं है कि कोविड-19 वैक्सीन की चौथी खुराक की जरूरत हो. उन्होंने कहा कि इसके कई कारण हैं. वर्तमान में जो भी टीके हैं वे वायरस उनके ऊपर पलायन म्यूटेंट बनाता है जो संक्रमण का कारण बनता है. अगर किसी व्यक्ति ने कोरोना टीके की तीसरी खुराक ली है, तो इसका मतलब है कि उसकी टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तीन बार प्रशिक्षित किया गया है.

मास्क पहनने की जरूरत पर जोर: डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) इतना नहीं बदला है कि एक नए टीके की आवश्यकता हो, इसलिए हमारे टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर भरोसा रखें. उन्होंने कहा मौजूदा सबूतों को देखते हुए यह इतना गंभीर नहीं है कि कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक की जरूरत पड़े. वहीं, उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को मास्क पहनने जैसे एहतियाती उपाय करते रहना चाहिए.

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पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि चौथी खुराक को लेकर अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इसका कारण है कि किसी भी नए स्वरूप का नाता सार्स-सीओवी 2 से नहीं होगा.  यह पूरी तरह से नया स्वरूप हो सकता है. ऐसे में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ होगा और वह आएगा तब हम उसके बारे में सोचेंगे, क्योंकि हमारी जीनोमिक निगरानी अब भी जारी है. अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है.

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