Gujarat election, congress: पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों में बुरी तरह पटखनी मिलने के बाद कांग्रेस अब सुधारों का प्रयास कर रही है. हार पर लगातार मंथन हो रहे हैं. बैठकों का दौर भी जारी है. हालांकि अब कांग्रेस की नजरें साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव पर टिकीं हैं. खबरों की मानें तो गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राहुल गांधी ने इसे लेकर गुजरात के पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में चर्चा की है. इन सब के बीच इस बात की भी सुगबुगाहट है कि पिछले साल यानी 2021 में कांग्रेस से अलग हुए प्रशांत किशोर फिर से पार्टी से जुड़ सकते हैं.
वफादार नेताओं को ही मिलेगा टिकट
कांग्रेस ने गुजरात में बीजेपी को हराने के साथ ही अपनी पार्टी के नेताओं को बीजेपी में जाने से रोकने के लिए एक कमिटी बनाई है. इस कमिटी को डैमज कंट्रोल नाम देने का काम किया गया है. दरअसल इस कमिटी को गुजरात के निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के नेताओं के दूसरी पार्टियों में जाने से रोकने के लिए बनाया गया था. दरअसल आपको बता दें कि इसके पीछे की मुख्य वजह पिछले कुछ समय से लगातार कांग्रेस के विधायकों और दूसरे नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. इनमें से ज्यादातर नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने कहा है कि पार्टी अब उन्हीं नेताओं को टिकट देगी जो वफादार होंगे.
कांग्रेस से कड़वाहट की वजह
आपको बता दें कि कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच कड़वाहट की बड़ी वजह कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाना था. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर सार्वजनिक तौर से हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए “किसी भी व्यक्ति का दैवीय अधिकार” नहीं था, खासकर जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90 प्रतिशत से अधिक वोटों से हार गई हो.