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राज्य सरकार देगी कावड़ यात्रा की इजाजत ? पढ़ें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

government allow kawad yatra ? एक्सपर्ट्स ने कावड़ यात्रा को कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक बताया है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, यात्रा में कुंभ मेले की तुलना में कोविड -19 संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक है. कुंभ से ज्यादा लोग कावड़ यात्रा में शामिल होते हैं और इस बार भी उनके काफी अधिक शामिल होने की संभावना है. उत्तराखंड में पिछले वर्षों में कांवड़ यात्रा के लिए लोगों की संख्या 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2021 11:22 AM
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देश के कई राज्यों में कावड़ यात्रा निकलती है. अबतक कई राज्यों ने इस पर फैसला नहीं लिया है कुछ राज्यों ने यह संकेत जरूर दिये हैं कि यात्रा शुरू हो सकती है लेकिन इस यात्रा को लेकर विशेषज्ञ क्या कहते हैं यह जानना जरूरी है. कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह नहीं टला है. ऐसे में कावड़ यात्रा की शुरूआत देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने का एक बड़ा कारण बन सकता है.

एक्सपर्ट्स ने कावड़ यात्रा को कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक बताया है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, यात्रा में कुंभ मेले की तुलना में कोविड -19 संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक है. कुंभ से ज्यादा लोग कावड़ यात्रा में शामिल होते हैं और इस बार भी उनके काफी अधिक शामिल होने की संभावना है. उत्तराखंड में पिछले वर्षों में कांवड़ यात्रा के लिए लोगों की संख्या 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच रही है.

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देश के कई राज्यों में अगर कावड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार का फैसला यात्रा के पक्ष में होता है तो संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना भी बढ़ती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर राज्य कावड़ यात्रा की इजाजत देता है.

इसके साथ यह तर्क होता है कि संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू होगी जिससे इसे नियंत्रण में रखा जा सकेगा तो यह तर्क भी गलत है क्योंकि कावड़ यात्राओं के बीच इस लागू करने के लिए लोगों पर दबाव बनाना या कड़े प्रतिबंध लागू करना भी संभव नहीं है. ध्यान रहे कि कुंभ में और हाल ही में जब लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई और पर्यटक हिल स्टेशनों पर उमड़ पड़े हैं ऐसे में उन्हें रोकना मुश्किल है.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर फैसला पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से बातचीत के बाद लिया जाएगा. एक तरफ यात्रा की योजना पर चर्चा चल रही है तो दूसरी तरफ उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चार धाम यात्रा पर रोक लगा रखी है. कोर्ट के ही इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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