लॉकडाउन में शराब दुकान खोलने की छूट मिलने के बाद भी परेशान है शराब व्यापारी, जानें क्यों
coronavirus : कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर देश में लागू लॉकडाउन (Lockdown in India) को लेकर केंद्र ने संशोधित दिशा-निर्देश दिया है. केंद्र के संशोधित दिशा-निर्देशों से गोवा में शराब की दुकानें खुल (Wine shop open in (Lockdown )सकेंगी पर लेकिन नये गाइडलाइन से व्यापारी परेशान हैं. (wine Shop) शराब का भंडार खत्म होने को लेकर व्यापारी चिंतित हैं क्योंकि विदेशी सामान के आयात पर प्रतिबंध अभी लागू है. शराब व्यापारियों के अनुसार, विदेश निर्मित शराब का भंडार अगले दो महीनों में खत्म हो सकता है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर देश में लागू लॉकडाउन को लेकर केंद्र ने संशोधित दिशा-निर्देश दिया है. केंद्र के संशोधित दिशा-निर्देशों से गोवा में शराब की दुकानें खुल सकेंगी पर लेकिन नये गाइडलाइन से व्यापारी परेशान हैं. शराब का भंडार खत्म होने को लेकर व्यापारी चिंतित हैं क्योंकि विदेशी सामान के आयात पर प्रतिबंध अभी लागू है. शराब व्यापारियों के अनुसार, विदेश निर्मित शराब का भंडार अगले दो महीनों में खत्म हो सकता है क्योंकि ज्यादातर स्कॉच व्हिस्की ब्रिटेन से लाई जाती है जबकि कई अन्य तरह की शराब का आयात फ्रांस, स्पेन और इटली से किया जाता है जो इस वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित हैं.
गोवा शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष दत्ता प्रसाद नाइक ने बताया कि जब चार मई को दुकानें खुलेंगी तो कम से कम 1,300 शराब की दुकानों में पर्याप्त भंडार होगा. उन्होंने बताया कि हालांकि बीयर का भंडार अगले आठ से 10 दिनों में खत्म हो सकता है क्योंकि गोवा के अपनी सीमाओं को सील करने के बाद पड़ोसी राज्यों से आपूर्ति बाधित है. नाइक ने बताया कि व्हिस्की के कुछ ब्रांड गोवा में ही बनाए जाते हैं जबकि उसे बनाने का कुछ सामान अन्य राज्यों से मंगाया जाता है, खास तौर से उत्तर प्रदेश से. केंद्र ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी जिसके बाद तटीय राज्य में शराब की दुकानें भी बंद थीं. नाइक ने बताया कि एक बार दुकानें खुलने पर शराब की बिक्री 70 प्रतिशत तक कम हो सकती है क्योंकि राज्य में पर्यटकों के आने पर अभी पाबंदी है और स्थानीय लोगों को केवल 30 प्रतिशत शराब की आपूर्ति होती है.
वहीं देशभर को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में बांटने का काम किया जा रहा है. ग्रीन जोन में सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियों की छूट दे दी गयी है. ताजा आदेश की मानें तो, ग्रीन जोन के 307 जिलों में बसें चलेंगी, लेकिन बसों की क्षमता 50% से ज्यादा नहीं होने दी जाएगी. इसका मतलब है कि, यदि किसी बस में 50 सीटें हैं तो उसमें 25 से ज्यादा यात्री नहीं बैठेंगे. इसी तरह, डीपो में भी 50% से ज्यादा कर्मचारी काम पर नहीं आएंगे. इन जिलों में नाई की दुकानें, सैलून समेत अन्य जरूरी सेवाओं और वस्तुएं मुहैया कराने वाले संस्थान भी 4 मई से खुल जाएंगे. सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि बंद रखा जाएगा.