नयी दिल्ली,रांची : देश की राजधानी दिल्ली में ठंड की शुरुआत हो चुकी है. अक्तूबर के आखिरी हफ्तों में ही दिल्ली में तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज की गयी है. गुरुवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले 31 अक्तूबर 1994 को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस साल ठंड के मौसम में ‘ला नीना’ का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिसके कारण ठंड का काफी ज्यादा एहसास होगा.
इधर, झारखंड में भी मौसम का पारा लगातार नीचे आ रहा है. शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया. झारखंड में अभी से ही सुबह के वक्त धुंध छाने लगी है और धूप का तीखापन गायब हो चुका है. मौसम केंद्र रांची के निदेशक एसडी कोटाल ने बताया कि फिलहाल पूरे राज्य में सामान्य मौसम चल रहा है. ठंड भी औसत के करीब है.
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इस साल दिखेगा ‘ला नीना’ का प्रभाव, ठंड ज्यादा रहने के आसार
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पांच दिन राज्य में न्यूनतम तापमान 15-16 डिग्री सेसि के करीब रहेगा
अगले पांच दिनों तक पूरे राज्य में औसत अधिकतम तापमान 30 से 33 और न्यूनतम तापमान 15 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. लेकिन इस बार धुंध बढ़ सकती है. जमशेदपुर और इसके आसपास के इलाकों में न्यूनतम तामपान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. वहीं, नाॅर्थ झारखंड (डालटनगंज) में अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 से 17 डिग्री सेल्सियस रहेगा. यह सामान्य से एक से दो डिग्री सेसि कम होगा.
कई राज्यों में हो रही बारिश, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना : देश से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई लगभग हो चुकी है. लेकिन, अब भी कई राज्यों में कम दवाब के चलते रुक-रुक कर बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि अगले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों में हल्की बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग के मुताबिक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में तेज बारिश हो सकती है. इसके अलावा मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड में कुछ जगहों पर बारिश होने की संभावना है. पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ इलाकों में बारिश और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो सकती है.
क्या होता है ला नीना : मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ला नीना एक समुद्री प्रक्रिया है. इसके तहत समुद्र पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है. समुद्री पानी पहले से ही ठंडा होता है, लेकिन इसके कारण उसमें ठंडक और बढ़ती है. इसका असर हवाओं पर भी पड़ता है. इससे कई इलाकों में इस साल जोरदार सर्दी पड़ने की संभावना है.
Posted by : Pritish Sahay