Maritime Anti Piracy Bill: समुद्री डकैती रोधी विधेयक को मिली संसद की मंजूरी, विदेश मंत्री ने कही यह बात
Maritime Anti Piracy Bill 2022 को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई. इस विधेयक को लोकसभा ने 19 दिसंबर मंजूरी थी और आज राज्यसभा ने इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया.
Maritime Anti Piracy Bill 2022: समुद्री डकैती रोधी विधेयक 2022 को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई. समुद्र मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत इस विधेयक को लोकसभा ने 19 दिसंबर मंजूरी थी और आज राज्यसभा ने इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया.
राज्यसभा में एस जयशंकर ने कही ये बात
विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका द्वारा अक्सर तमिलनाडु, पुडुचेरी और अन्य राज्यों के मछुआरों को हिरासत में लेना और पाकिस्तान द्वारा गुजरात के मछुआरों को हिरासत में लेना हमारे लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. ऐसे में हमारा इसके लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि पहले भारत के पास कानून नहीं होने की वजह से कुछ मामलों में अपेक्षित कदम नहीं उठाया जा सका. उन्होंने कहा कि पहले भारत के पास कानून नहीं होने की वजह से कुछ मामलों में अपेक्षित कदम नहीं उठाया जा सका. विदेश मंत्री ने कहा कि यह भले ही जरूरी नहीं हो, लेकिन समय की आवश्यकता को देखते हुए इसका प्रावधान रखा गया है.
दुर्लभतम मामलों में मौत की सजा का प्रावधान
विधेयक में समुद्री लूट में शामिल देश विदेश के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सख्त धाराएं शामिल की गई हैं. एस जयशंकर ने कहा कि दुर्लभतम मामलों में मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है, लेकिन इसमें भी लचीलापन अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें प्रत्यर्पण का प्रावधान है. जिन देशों से प्रत्यर्पण किया जाएगा, अगर वहां मृत्युदंड समाप्त किया जा चुका है, तो वे देश हमसे इस संबंध में आश्वासन मांग सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण के लिए इस शर्त पर गौर किया जाएगा. विदेश मंत्री ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून से संबंधित मामलों के लिए निर्दिष्ट अदालतों की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि इस बारे में भारत के प्रधान न्यायाधीश के साथ विचार-विमर्श कर निर्दिष्ट अदालत के बारे में फैसला किया गया.
कानून भारतीय जल क्षेत्र में आने वाले सभी जहाजों पर होगा लागू
विदेश मंत्री ने कहा कि स्थायी समिति की सिफारिशों पर विचार किया गया है. उन्होंने कहा कि यह कानून भारतीय जल क्षेत्र में आने वाले सभी जहाजों पर लागू होगा जो पायरेसी के शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधान बिल्कुल स्पष्ट हैं. जहाज में अवैध हथियार या विस्फोटक सामग्री पाई जाने तथा इस संबंध में समुचित जवाब या स्पष्टीकरण न मिलने की स्थिति में संदेह उत्पन्न होगा और इसका शमन जरूरी होगा. उन्होंने बताया कि 2008 से 2011 के बीच पायरेसी के 27 मामलों में भारतीय चालक दल के सदस्य तथा 2018 भारतीय नागरिक शामिल थे.
सरकार मछुआरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सजग: विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने कहा कि सरकार मछुआरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सजग है और इसके लिए समय-समय पर जरूरी कम उठाए गए हैं. मंत्री के जवाब के बाद विधेयक को सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. इससे पहले, विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के विवेक तनखा ने कहा कि वैसे तो वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन सरकार को इसमें किए गए सख्त प्रावधानों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधान पढ़ने में तो ठीक हैं लेकिन उन्हें लागू करने में कठिनाइयां आ सकती हैं.