आज 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. संसद के इस सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी. सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई जिससे इस बात का अनुमान लग गया है कि संसद का शीतकालीन सत्र काफी गरम होने वाला है.
रविवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार के सामने किसानों के मुद्दों को उठाया. एमएसपी तय किये जाने को लेकर सभी दलों ने सरकार से बिल लाने को कहा. इसके अलावा विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में पेगासस जासूसी कांड, महंगाई, किसानों, बेरोजगारी, लद्दाख में चीन के अतिक्रमण सहित कुछ अन्य मुद्दों को उठाया और चर्चा कराने की मांग की.
विपक्ष ने सरकार को यह आश्वासन भी दिया है कि वे रचनात्मक मुद्दों पर सरकार को अपना समर्थन देंगे. वे अनावश्यक सत्र को बाधित नहीं करेंगे. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी दलों ने मांग की कि एमएसपी पर कानून बनाया जाये, ताकि किसानों को राहत मिले और उनकी समस्याओं का समाधान हो.
खड़गे ने कहा, अगर सरकार अच्छे विधेयक लेकर आयेगी तो हम उनका समर्थन करेंगे. अगर हमारी बात नहीं मानी गयी और संसद बाधित हुआ तो उसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगाी. खड़गे ने कहा, हम अपेक्षा कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आये.
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संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर आज आयोजित सर्वदलीय बैठक में 31 दल शामिल हुए. प्रधानमंत्री को बैठक में उपस्थित होना था लेकिन वे नहीं आ पाये. आम आदमी पार्टी ने बैठक से वाक आउट किया और कहा कि सरकार अपनी मनमानी करती है और वो हमारी बात सुनना ही नहीं चाहती है.
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है और यह अगले महीने 23 दिसंबर तक चलेगा. सोमवार के लिए सरकार ने कृषि बिल को रद्द करने के लिए विधेयक को सूचीबद्ध किया है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी सहित कुल 26 विधेयक को इस सत्र में पेश किया जायेगा.