विस्ट्रॉन फैक्ट्री में तोड़फोड़ मामला : कंपनी को 440 करोड के नुक्सान का अनुमान, तोड़फोड़ में शामिल 7 हजार लोगों के नाम दर्ज
बकाये वेतन नहीं मिलने से कर्णाटक स्थित ताइवान की विस्ट्रॉन कॉरपोरेशन में कर्मचारियों ने जमकर तोड़फोड़ हुई. जिसमें कंपनी को करोड़ो का नुक्सान हुआ है. वहीं, तोड़फोड में शामिल करीब 7 हजार लोंगो के नाम सामने आ रहा है.
बकाये वेतन नहीं मिलने से कर्णाटक स्थित ताइवान की विस्ट्रॉन कॉरपोरेशन में कर्मचारियों ने जमकर तोड़फोड़ हुई. जिसमें कंपनी को करोड़ो का नुक्सान हुआ है. वहीं, तोड़फोड में शामिल करीब 7 हजार लोंगो के नाम सामने आ रहा है. जिसमें करीब 5 हजार कॉन्ट्रेक्ट वर्कर शामिल हैं. कंपनी की ओर से मामले को लेकर एफआईआर भी कराया गया है. बता दें, इस तोड़फोड और हिंसा में कंपनी को करीब 440 करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा है. हिंसा के बीच फैक्ट्री से हजारों आईफोन (iPhone) भी चोरी हो गए.
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना में करीब 10 करोड़ रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर में नुक्सान हुआ है. गुस्साये कर्मचारियों और मजदूरों ने बिल्ड़िंग और वहां रखे वाहनों को भी नुक्सान पहुंचाया है. इसके अलावा लोगों ने डेढ़ करोड़ रुपये के स्मार्टफोन और दूसरे गैजेट भी तोड़फोड़ दिये. पुलिस ने इस घटना को लेकर करीब डेढ़ सौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, 7 हजार और लोंगो का नाम सामने आ रहा है, जिसमें करीब 5 हजार कॉन्ट्रेक्ट वर्कर शामिल हैं. पुलिस इस मामले को लेकर गहन छानबीन कर रही है.
वहीं, घटना को लेकर विस्ट्रॉन इंडिया कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि कि प्लांट में हुई घटना से कंपनी बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है. ‘ उन्होंने कहा है कि पुलिस जांच कर रही है, कंपनी के अधिकारी जांच में पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं. वहीं, उन्होंने यह भी मांग की है कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.
इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कर्मचारियों को सुरक्षा देने और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की है. गौरतलब है कि आने वाले दिनों में भारत में कई और कंपनिया निवेश का मन बना रही है. इसी कड़ी में दक्षिण कोरियन कंपनी सैमसंग अपनी मोबाइल और आईटी डिस्प्ले फैक्ट्री को चीन से भारत शिफ्ट करने की सोच रही है. ऐसे में इस तरह की घटना विदेशी निवेश पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.
क्यों हुई हिंसा- गौरतलब है कि बीते कई महीनों से वेतन नहीं मिलने और वेतन में कटौती को लेकर कंपनी के कर्मचारी और ठेका मजदूरों ने ऑफिस में पत्थरबाजी और हिंसा शुरू कर दी. गुस्साये लोगों ने आगजनी भी की और कंपनी की इमारत समेत वहीं रखे वाहनों में भी तोड़फोड़ शुरू कर दी. देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. गुस्साये कर्मचारियों ने बेहिसाब तोड़फोड़ की और चीजों को नुक्सान पहुंचाया.
Posted by : Pritish Sahay