‘महिला बच्चे पैदा करने की फैक्ट्री नहीं’, AIUDF सांसद बदरुद्दीन अजमल पर बरसे असम के CM हिमंत बिस्व सरमा
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल के विवादित बयान मामले पर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कटाक्ष किया है. सीएम सरमा ने कहा है कि महिला बच्चे पैदा करने की फैक्ट्री नहीं है. वहीं, सीएम सरमा ने ये भी कहा कि बदरुद्दीन अजमल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं.
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सांसद बदरुद्दीन अजमल पर असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने तीखा हमला बोला है. सीएम सरमा ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं. इसके लिए वो समाज के एक खास तबके को खुश करने के लिए कुछ भी बयान दे रहे हैं. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बोंगाईगांव में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही.
Badruddin Ajmal is making certain statements just to appease a certain section of the society for vote bank politics: Assam CM Himanta Biswa Sarma at Bongaigaon
— ANI (@ANI) December 5, 2022
महिला बच्चे पैदा करने की फैक्ट्री नहीं- सरमा: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एआईयूडीएफ के सांसद बदरुद्दीन अजमल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर एक महिला कई बच्चों को जन्म देती है, तो इसका असर उस पर शारीरिक रूप से पड़ेगा. साथ ही हमारे समाज पर भी इसका असर पड़ेगा, और असम तबाह हो जाएगा. सीएम हिमंत ने कहा कि एक महिला बच्चे पैदा करने की फैक्ट्री नहीं है.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि महिलाएं ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करती रहें, लेकिन मेरा कहना है कि अगर महिलाएं ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं तो अजमल बच्चों के बड़े होने तक उनकी परवरिश करें और उनका खर्चा उठाएं.
Badruddin Ajmal had said that women should continue to give birth to as many children as possible, but I say that if women give birth to more children, then Ajmal should nurture the children till they grow up and pay for their expenses: Assam CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/seDLF2XNnn
— ANI (@ANI) December 5, 2022
क्या था बदरुद्दीन अजमल का विवादित बयान: गौरतलब है कि बीते दिन ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा था हिन्दुओं को बच्चे पैदा करने के मामले में मुसलमानों का फॉर्मूला अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को भी मुसलमानों की तरह बच्चों की कम उम्र में ही शादी कर देनी चाहिए. उन्होंने हिंदू लड़कियों की 18-20 साल की उम्र में शादी करने की सलाह भी दी थी.
बयान से मांगी माफी: हालांकि अपने बयान पर बढ़ते विवाद को देखते हुए एआईयूडीएफ के अध्यक्ष और सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने अपने बयान से माफी भी मांग ली है. उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि अपने बयान को लेकर वो शर्मिंदा हैं. उन्होंने कहा कि था उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. उन्होंने कहा था उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वो क्षमाप्रार्थी हैं.