Women: लैंगिक हिंसा के खिलाफ ‘नयी चेतना 3.0 पहल बदलाव की’ होगा शुरू
सोमवार को लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान 'नयी चेतना- पहल बदलाव की' के तीसरे संस्करण शुरू होगा. इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने की दिशा में सरकार के सामूहिक प्रयास के इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी शामिल होंगी.
Women: देश में लैंगिक हिंसा को कम करने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. लैंगिक समानता के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए इस विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है. इस अभियान को और गति देने के लिए सोमवार को लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान ‘नयी चेतना- पहल बदलाव की’ के तीसरे संस्करण शुरू होगा. इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने की दिशा में सरकार के सामूहिक प्रयास के इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी शामिल होंगी.
एक महीने तक तक चलने वाले इस अभियान का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की ओर से किया जा रहा है. यह अभियान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर 2024 तक चलेगा. डीएवाई-एनआरएलएम के देशभर में फैले स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क के इस अभियान में सक्रिय भूमिका अदा करेगा.
कई मंत्रालय कार्यक्रम में होंगे शामिल
इस अभियान में 9 मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले और खेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और न्याय विभाग भागीदार होगा. नयी चेतना अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर पर लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना है. नयी चेतना ने देश भर में लाखों लोगों को संगठित किया है, जिससे लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को नयी दिशा मिली है.
पहला चरण में 3.5 करोड़ लोगों इस अभियान से जुड़े थे. जबकि नयी चेतना 2.0 में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5.5 करोड़ लोगों ने शिरकत की थी. नयी चेतना 3.0 के उद्देश्यों में लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, हिंसा के खिलाफ समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुँच प्रदान करना और स्थानीय संस्थाओं को निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए सशक्त बनाना है.