महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि मैं ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘ का समर्थन करती हूं. सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में भारतीय नारी के बलिदान की चर्चा की. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई और नये भारत के निर्माण में भारतीय नारी की अहम भूमिका रही है. उसने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया है. सोनिया गांधी ने कहा कि स्त्री ने हमें सोचने समझने की शक्ति दी है.
सोनिया गांधी ने कहा कि आधी आबादी को नगर निकायों और पंचायतों में भागीदारी दिलाने के लिए मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ने बिल लाया था. लेकिन उस वक्त यह बिल पास नहीं हो पाया था. बाद में पी वी नरसिम्हा राव ने इस बिल को पास कराया था. सोनिया गांधी ने कहा कि मैं इस बिल का समर्थन करती हूं, लेकिन मेरी जो चिंता है मैं उसे बताना चाहती हूं. सरकार कह रही है कि महिला आरक्षण के लिए देश की औरतों को और इंतजार करना होगा. मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि आखिर महिलाओं को और कितना इंतजार करना होगा, दो साल, तीन साल या और कितने साल?
#WATCH | Women's Reservation Bill | Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi says, "This is an emotional moment of my own life as well. For the first time, Constitutional amendment to decide women's representation in local body election was brought by my life partner… pic.twitter.com/stm2Sggnor
— ANI (@ANI) September 20, 2023
सोनिया गांधी ने कहा कि बिल को कानून बनाने में देरी करना महिलाओं के साथ नाइंसाफी होगी. इसलिए मैं सरकार से मांग करती हूं कि इस बिल को अविलंब कानून का रूप दिया जाए. साथ ही मेरी यह मांग भी है कि इस बिल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था हो. सरकार नवीनतम जनगणना के अनुसार यह व्यवस्था करे. मेरी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है और यह मांग करती है कि जल्द से जल्द इसे लागू किया जाए, तभी राजीव गांधी का सपना पूरा होगा.
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लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह उनके लिए मार्मिक क्षण है. सोनिया गांधी ने कहा- स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन विधेयक मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी जी ही लेकर आए थे जो राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था. बाद में पीवी नरसिम्हा राव जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उसे पारित करवाया. आज उसी का नतीजा है कि देश में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं.