महिला आरक्षण बिल पर आज सात घंटे होगी बहस, सदन में बोलेंगी सोनिया गांधी-निर्मला सीतारमण
संसद के इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हुआ है. इस बिल को पहले कैबिनेट से मंजूरी मिली फिर इसे सदन में पेश किया गया. इस बिल पर चर्चा के लिए आज सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.
महिला आरक्षण बिल : संसद के इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हुआ है. इस बिल को पहले कैबिनेट से मंजूरी मिली फिर इसे सदन में पेश किया गया. इस बिल पर चर्चा के लिए आज सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. सदन में इस बिल पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय दिया गया है. ऐसे में जानकारी यह सामने आ रही है कि कांग्रेस की ओर से मुख्य वक्ता के तौर पर सोनिया गांधी सदन को संबोधित करेंगी.
स्मृति ईरानी समेत कई नेता इस बिल पर आज करेंगी चर्चा
साथ ही खबरें यह भी आ रही है कि सरकार की ओर से महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में निर्मला सीतारमण सदन में बोलेंगी. इनके अलावा भी स्मृति ईरानी समेत कई नेता इस बिल पर आज चर्चा करेंगी जिसमें दिया कुमारी, भारती पवार, अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल का नाम भी शामिल है. इस बिल को कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है. हालांकि, सरकार की मंशा पर भी कुछ विपक्षी नेताओं के द्वारा सवाल खड़े किए गए है.
भाजपा की दिल्ली इकाई ने स्वागत किया
भाजपा की दिल्ली इकाई ने गणेश चतुर्थी पर मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने का स्वागत किया और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से महिलाओं को दिया गया रक्षा बंधन का तोहफा करार दिया. लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए सरकार ने मंगलवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए विधेयक पेश किया. भाजपा की दिल्ली इकाई की महिला पदाधिकारियों ने अपनी बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘‘गणेश चतुर्थी पर महिला आरक्षण विधेयक लाकर प्रधानमंत्री ने भारत की महिलाओं को रक्षाबंधन का तोहफा दिया है.’’
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले लाया जाना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा कि अब इस विधेयक को पारित होने के साथ ही लागू कर देना चाहिए. सचिन पायलट ने कहा, ‘‘यह विधेयक पहले आना चाहिए था. जहां तक मुझे जानकारी मिली है, मैंने सुना है कि इसे 2029 में लागू किया जाएगा. वे इसे अभी क्यों लागू नहीं करना चाहते हैं यह समझ से परे है.’’
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाले विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने मांग की कि महिला कोटे की आधी सीटें एससी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित की जाएं और मुस्लिम समुदाय की पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी इसका लाभ मिले.
बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रनौत और ईशा गुप्ता ने भी मंगलवार को बहुत समय से लंबित आरक्षण विधेयक को पेश करने के केंद्र सरकार के कदम का स्वागत किया है और इसे भारत के लिए ‘ऐतिहासिक दिन’ बताया है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को यहां नए संसद भवन में पहले दिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया. कंगना रनौत और ईशा गुप्ता ने महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के दौरान आमंत्रित महिला सदस्यों के रूप में “विशेष सत्र” में भाग लिया.