13.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Women Reservation Bill: जानें लोकसभा में किन दो सांसदों ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में किया वोट

असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ वोट किया. क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया. हालांकि सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया.

‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ (Women Reservation Bill) को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है. इससे संबंधित ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने 2 के मुकाबले 454 वोट से अपनी स्वीकृति दी. विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे.

इन दो सांसदों ने महिला आरक्षण बिल का किया विरोध

रिपोर्ट्स के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ वोट किया है. क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया. हालांकि सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया.

ओवैसी क्यों कर रहे महिला आरक्षण बिल का विरोध

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है तथा उसे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) एवं मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है.

Also Read: Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को राहुल गांधी ने बताया अधूरा, लोकसभा में खेला OBC कार्ड

60 सदस्यों ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में भाग लिया

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं.

अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, इस बार बिल को फंसने नहीं देंगे

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इस बार ऐसी व्यवस्था की है कि महिलाओं को इस बार इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने तकनीकी मुद्दों पर कहा, आप (विपक्ष) चाहते हैं कि यह विधेयक तकनीकी कारणों से फंस जाये, लेकिन हम इस बार इसे फंसने नहीं देंगे. परिसीमन के बगैर आरक्षण देने के एक सदस्य के सवाल पर मेघवाल ने कहा कि यदि सरकार ने अभी आरक्षण दे दिया तो किसी संगठन के जरिये सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके विपक्ष इसे फंसाने का प्रयास करेगा, लेकिन इस बार सरकार विधेयक फंसने नहीं देगी.

मेघवाल ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

मेघवाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में रहते हुए विधेयक इसलिए नहीं ला सकी क्योंकि उनकी न नीति थी, न नीयत थी और न नेतृत्व. उन्होंने कहा, हमारे पास नीति भी है, नीयत भी और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी. मेघवाल ने सरकार के 90 सचिवों में तीन के ओबीसी समुदाय से संबंधित होने के राहुल गांधी के दावे को लेकर कहा कि कांग्रेस नेता ने ऐसा कहकर खुद की सरकार की आलोचना कर डाली, क्योंकि आज जो अधिकारी सचिव बना होगा, वह 1990 के दशक में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुआ होगा.

अमित शाह बोले- महिला आरक्षण बिल राजनीतिक मुद्दा नहीं है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी और लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा. शाह ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना भी साधा और कहा, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेन्द्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, मान्यता का सवाल है, कार्य संस्कृति का सवाल है. देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने की स्थिति में इसे मूर्त रूप लेने में कई साल लग जाने संबंधी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं.

सोनिया गांधी ने ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ का समर्थन किया

सोनिया गांधी ने आज सुबह चर्चा की शुरुआत करते हुए ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ का समर्थन किया और सरकार से यह आग्रह किया कि जाति आधारित जनगणना करा कर विधेयक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा.

राहुल गांधी ने खेला ओबीसी कार्ड

राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं जो ओबीसी समाज का अपमान है.

स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी पर साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस विधेयक को ‘अपना’ बताकर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष का नाम लिये बिना कहा कि सदन में कहा गया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2010 में विधेयक पेश किया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, सफलता के कई रहनुमा होते हैं, लेकिन विफलता का कोई नाम लेने वाला नहीं होता है. इसलिए जब विधेयक लाया गया, तो कुछ लोगों ने इसे ‘अपना विधेयक’ बताया.

क्या है नारीशक्ति वंदन विधेयक

गौरतलब है कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें